कालाष्टमी के दिन जरूर करें ये उपाय

कालाष्टमी का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव जी को समर्पित है। काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता, दुष्टों का संहारक और भक्तों के सभी दुख-संकटों को हरने वाला माना जाता है। काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति को भय, शत्रु बाधा और जीवन के हर प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। माना जाता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से काल भैरव बाबा जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, आइए इन खास उपायों को जानते हैं।

कालाष्टमी के दिन करें ये उपाय

सरसों के तेल का दीपक
सरसों का तेल शनि और भैरव जी दोनों को ही बेहद प्रिय है। ऐसे में कालाष्टमी की शाम को काल भैरव मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप करें। इस उपाय को करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

कुत्ते को भोजन कराना
कुत्ते को काल भैरव का वाहन माना जाता है। कुत्ते को भोजन कराने से भैरव जी बहुत खुश होते हैं। ऐसे में कालाष्टमी के दिन काले रंग के कुत्ते को गुड़ और मीठी रोटी खिलाएं। ऐसा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है।

भैरव चालीसा का पाठ
भैरव चालीसा का पाठ करने से भय, तंत्र-बाधा और शत्रुओं से उत्पन्न सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। ऐसे में रात के समय शुद्ध होकर काल भैरव के सामने बैठकर भैरव चालीसा का पाठ करें। हो पाए तो 21 बार पाठ करें।

उड़द की दाल का उपाय
काल भैरव की पूजा से शनि दोष का प्रभाव कम होता है। इससे जीवन में आ रही बाधाओं का नाश होता है। ऐसे में कालाष्टमी की रात को काले कपड़े में उड़द की दाल, काले तिल और सरसों का तेल बांधकर किसी भैरव मंदिर में अर्पित करें या किसी जरूरमंद व्यक्ति को दान कर दें।

नींबू से उतारा
अगर आपको लगता है कि आपके ऊपर किसी ने तंत्र-मंत्र का प्रयोग किया है, तो यह उपाय बहुत असरदार है। एक नींबू लें और उसे अपने ऊपर से 7 बार एंटी-क्लॉकवाइज घुमाएं। इसके बाद नींबू को भैरव मंदिर में या किसी चौराहे पर चुपचाप काट कर रख दें। ऐसा करने से सभी तरह की नकारात्मकता व नजर दोष से छुटकारा मिलेगा।

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