कामकाजी माहौल को हल्का-फुल्का और मजेदार बनाएं

आजकल काम का दबाव अधिक होने से अधिकत्तर पेशेवरों या लीडर्स का व्यवहार काफी गंभीर हो जाता है और वे टीम के बाकी सदस्यों से कटे-कटे से रहते हैं। वे अक्सर सोचते हैं कि क्या कार्यस्थल पर मजाकिया अंदाज सही है? तो इसका जवाब है हां, लेकिन सही तरीके से। यह एक ऐसा गुण है, जो महज हंसी-मजाक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों को आपस में जोड़ने का काम करता है।
शोध बताते हैं कि सही समय पर ऐसा करना न सिर्फ टीम को एकजुट करता है, बल्कि तनाव कम करके विश्वास भी मजबूत कर सकता है। हालांकि, एक गलत मजाक आपकी छवि खराब भी कर सकता है, तो सवाल यह है कि कार्यस्थल पर ऐसे व्यवहार की सीमाएं क्या हों? इसी के बारे में यहां चर्चा की जा रही है। इनकी मदद से आप काम के दौरान खुद को और टीम के बाकी सदस्यों को ऊर्जावान बनाए रख सकते हैं।
क्यों है जरूरी?
हंसी सिर्फ माहौल हल्का नहीं करती, बल्कि ऐसा करते वक्त एंडोर्फिन नामक हार्मोन भी स्रावित होता है, जो तनाव को कम करता है और फोकस बढ़ाता है। सेल्फ-डिप्रिसेटिंग ह्यूमर (यानी खुद से जुड़ा हल्का मजाक) आपको और अधिक मानवीय तथा मिलनसार दिखाता है। उदाहरण के लिए, आप किसी प्रेजेंटेशन की शुरुआत अपनी किसी असफलता की मजेदार कहानी से कर सकते हैं। इससे लोग आपको ज्यादा प्रामाणिक मानेंगे।
जुड़ाव की भावना को जाहिर करें
हंसी रिश्तों में सहजता लाकर आत्मविश्वास व भरोसे को बढ़ाती है। इसे एक मजबूत नेतृत्व गुण माना जाता है। अक्सर लीडर्स सोचते हैं कि नेतृत्व में गंभीर रहना चाहिए, लेकिन सहकर्मियों से जुड़ने के लिए मजाकिया लहजा भी जरूरी है। हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि आपको जबर्दस्ती मजाकिया नहीं बनना है, बल्कि अपने भीतर छिपी जुड़ाव की भावना को लोगों के सामने लाना है।
हास्य की कई जुबानें
हंसी के भी कई प्रकार होते हैं। सबसे पहले, जब कोई अप्रत्याशित बात सामने आकर सबको चौंका दे, तो माहौल खुशगवार हो जाता है। दूसरा तरीका है व्यंग्य, जिसमें आपको ध्यान रखना चाहिए कि मजाक किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाए। तीसरा है, शब्दों का खेल, जिसमें कहानियों के जरिये आप दूसरों के साथ गहरा रिश्ता बना सकते हैं।
आइसब्रेकर गतिविधियां
आप ऑफिस मीटिंग्स में माहौल को सहज करने के लिए इसकी शुरुआत किसी छोटे चुटकुले से कर सकते हैं या फिर टीम को ‘आइसब्रेकर’ जैसी गतिविधियों में शामिल करें। इसके तहत आप उनसे ‘दो सही, एक झूठ’ या ‘उनसे जुड़ा सबसे मजेदार किस्सा सुनाने’ के लिए कह सकते हैं। इससे टीम के सदस्य खुलकर बात करने में सहज महसूस करते हैं और मीटिंग का परिणाम भी सकारात्मक रहता है।