कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र को लेकर कांग्रेस का बड़ा हमला, डोटासरा-जूली का तीखा बयान

राजस्थान में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने मौजूदा राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अजमेर में मीडिया से बातचीत के दौरान राज्य की कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अराजकता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े किए। दोनों नेता जयपुर से जोधपुर जाते वक्त अजमेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत के दौरान मीडिया से रूबरू हुए।

भाजपा सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट कर रही है: डोटासरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा को लोकतंत्र और प्रजातंत्र में विश्वास नहीं है। वे सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट करते हैं और देश को नफरत के आधार पर बांटकर सत्ता चला रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि यह सरकार संसाधनों का दुरुपयोग करके सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। मुझे डर है कि अब उनके मंत्री और बड़े अधिकारियों का नंबर न आ जाए। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। बजट में घोषणाएं तो होती हैं लेकिन उनका कोई असर जमीन पर दिखाई नहीं देता। सरकार नाम की कोई चीज नहीं है, ये सिर्फ एक सर्कस बनकर रह गई है। मुख्यमंत्री भाषण देने में व्यस्त हैं और जनता समस्याओं से जूझ रही है।

लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला और संविधान से छेड़छाड़ का आरोप
डोटासरा ने भाजपा और आरएसएस पर लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं ने बार-बार यह जताया कि वे संविधान में बदलाव करना चाहते हैं। इनकी मंशा है कि धर्म के आधार पर देश को बांटा जाए और आरएसएस की विचारधारा के अनुरूप नया संविधान लिखा जाए। जो कानून इंदिरा गांधी ने हटाया था, उसे फिर से लागू करने की बात की जा रही है। ये लोग अघोषित आपातकाल चला रहे है। डोटासरा ने नगर निकाय चुनावों के स्थगन, भरतपुर में डेढ़ साल से चुनाव न कराए जाने और सरदारशहर में अविश्वास प्रस्ताव रोकने की घटनाओं को उदाहरण के रूप में पेश किया और कहा, “राजस्थान में प्रजातंत्र को कुचला जा रहा है। ये लोग चुनाव से भाग रहे हैं।

भ्रष्टाचार पर बड़ा आरोप: एसीबी की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
एसीबी अधिकारी सुरेंद्र कुमार शर्मा को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने पर डोटासरा ने चिंता जताई और कहा कि अगर अधिकारी रिश्वतखोरी में लिप्त हैं, तो मुझे डर है कि भाजपा के मंत्री और वरिष्ठ नेता भी जल्द ही एसीबी के जाल में फंस सकते हैं। यह लोग दोनों हाथों से जनता को लूटने में लगे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूरी ब्यूरोक्रेसी बेलगाम हो चुकी है और कोई भी जवाबदेह नहीं है।

डोटासरा ने कहा कि मंत्री खुद छापे मार रहे हैं, जबकि कार्रवाई का जिम्मा प्रशासन का होता है। उन्होंने राज्य में खाद वितरण में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश से नकली खाद लाई गई, जिसमें सरकारी सहायता और बैंक लोन का दुरुपयोग हुआ। अगर किसानों ने वह खाद इस्तेमाल की, तो उनकी फसलें बर्बाद हो सकती हैं। इसका जिम्मेदार कौन होगा?

जूली का हमला: कुएं में भांग मिल चुकी है
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी राज्य सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य की संपदा को दोनों हाथों से लूट रही है और टेंडर प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी करके चहेते लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। एसीबी के एक अधिकारी द्वारा रिश्वत लेते पकड़े जाने पर उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब एसीबी के अधिकारियों को एसीबी ही पकड़ रही है, तो समझिए कि कुएं में भांग मिल चुकी है। जूली ने यह भी आरोप लगाया कि कई अधिकारियों और नेताओं पर केस दर्ज होने के बावजूद उन्हें अभियोजन स्वीकृति नहीं दी जा रही है। सरकार सिर्फ अपने चहेते लोगों को बचाने में लगी है। उन्होंने कंवरलाल मीणा प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है और कैबिनेट ने उनकी सजा कम करने की सिफारिश राज्यपाल को भेजी है। अगर ऐसे ही गुंडों-मवालियों की सजा माफ की जाएगी, तो फिर जेलों का क्या औचित्य रह जाएगा?

स्कूल लोकार्पण विवाद: गहलोत को अपमानित किया गया
जोधपुर में एक स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नहीं बुलाए जाने पर भी डोटासरा ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि तीन बार के मुख्यमंत्री को अगर सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया गया होता और वे आ भी जाते तो क्या आसमान टूट पड़ता? क्या सरकार गिर जाती? उन्होंने कहा कि यह छोटी और संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। कांग्रेस नेताओं ने इसे गहलोत के साथ राजनीतिक अपमान करार दिया।

दिशाहीन और विफल सरकार है
डोटासरा ने मौजूदा सरकार को दिशाहीन करार देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार राज्य में कोई ठोस काम नहीं कर पा रही है। उन्होंने दावा किया कि किसानों, युवाओं और आम नागरिकों की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं और सरकार सिर्फ बयानबाजी में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर हैं और उनका लाभ जमीन तक नहीं पहुंच रहा है।

कांग्रेस की आक्रामकता और भाजपा पर दबाव
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर कानून व्यवस्था, प्रशासनिक भ्रष्टाचार, लोकतांत्रिक संस्थाओं के दमन और जनता से दूरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह सरकार राज्य को गलत दिशा में ले जा रही है और जनता इसका जवाब जल्द देगी। उन्होंने कहा, “आप सदा सत्ता में नहीं रहेंगे, जनता सब देख रही है।” इन बयानों से साफ है कि राजस्थान की राजनीति आने वाले समय में और अधिक गरमाई हुई नजर आ सकती है। कांग्रेस भाजपा को सीधे टक्कर देने की रणनीति पर चल रही है और भ्रष्टाचार व लोकतांत्रिक मूल्यों के मुद्दे को चुनावी हथियार बना रही है।

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