कांग्रेस के ‘संत महंत सम्मेलन’ में नहीं पहुंचे संत, निरूपम बोले- हम हिंदू विरोधी नहीं
मुंबई. मुंबई कांग्रेस द्वारा नव गठित संत महंत कांग्रेस के पहले सम्मेलन में हिस्सा लेने में संतों ने रूचि नहीं दिखाई। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम की मौजूदगी में सांताक्रुज पूर्व के हनुमान मंदिर पर आयोजित इस सम्मेलन में थोड़े कांग्रेस कार्यकर्ता ही पहुंचे। इस दौरान पार्टी के संत महंत प्रकोष्ठ के संयोजक ओमदासजी महाराज ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि जैसे मुस्लिमों के लिए मदीना और ईसाइयों के लिए रोम पवित्र भूमि है वैसे ही हमारे लिए राम जन्मभूमि अयोध्या का महत्व है। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था। सम्मेलन के लिए निरुपम खुद संतो महंतों को आमंत्रित करने गए थे, पर महानगर के कुछ छोटे मंदिरों के पुजारियों को छोड़ कर कोई संत महंत नहीं आया। यहां आए खार के एक मंदिर पर रहने वाले बाबा ने कहा ‘ मेरा किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं। यहां दक्षिणा मिलने वाली है, इसलिए आया हूं।’
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कांग्रेस हिंदू विरोधी नहीं : निरुपम
इस मौके पर मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष निरुपम ने कहा कि कांग्रेस की गलत छवि बनाई गई है। यह पार्टी हिंदू विरोधी नहीं है। मैं खुद कट्टर हिन्दू हूं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हिंदुत्व के नाम पर हिंसा फैला रहे हैं। कांग्रेस भी गोहत्या की विरोधी रही है पर हम सारे राह किसी को पीट-पीट कर हत्या नहीं करते। हिन्दू धर्म हमेशा से धर्मनिरपेक्ष रहा है। इस धर्म ने सभी को स्वीकार किया है। निरुपम ने कहा कि जल्द ही पार्टी की तरफ से बड़ा संत सम्मेलन किया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम बीएमसी द्वारा कोई मंदिर तोड़ने नहीं देंगे।
नए प्रकोष्ठ को लेकर विवाद
कांग्रेस पार्टी में साधु संतों का प्रकोष्ठ बनाए जाने से पार्टी में नाराजगी है। निरुपम के इस कदम से पार्टी के नेता असहज महसूस कर रहे हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक नसीम खान ने मुंबई कांग्रेस के पहले संत महंत सम्मेलन में राममंदिर की वकालत किए जाने पर कहा है कि यह कांग्रेस पार्टी की भूमिका नहीं हो सकती। यह निरुपम का व्यक्तिगत विचार है।
कांग्रेस पार्टी में साधु संतों का प्रकोष्ठ बनाए जाने से पार्टी में नाराजगी है। निरुपम के इस कदम से पार्टी के नेता असहज महसूस कर रहे हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक नसीम खान ने मुंबई कांग्रेस के पहले संत महंत सम्मेलन में राममंदिर की वकालत किए जाने पर कहा है कि यह कांग्रेस पार्टी की भूमिका नहीं हो सकती। यह निरुपम का व्यक्तिगत विचार है।
किसी संत को बनाएं अध्यक्ष : मिश्र
कांग्रेस ने संतों महंतों की अहमियत तो समझी । बाबरी मस्जिद की वकालत करनेवाली कांग्रेस पार्टी के मुम्बई अध्यक्ष संतों की शरण में भले आए हों पर संतों की कृपा कांग्रेस पर नहीं हुई। मुंबई कांग्रेस के संत महंत सम्मेलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुंबई भाजपा के महामंत्री अमरजीत मिश्र ने कहा कि साधु संतों से प्रेम है तो निरुपम किसी किसी संत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए। उन्होंने कहा कि निरुपम तो यह भी नहीं जानते कि संतों को आदर देना चाहिए । खुद ऊपर और उन्हें जमीन पर बैठा कर उन्हें नीचा नहीं दिखाना चाहिए।