कहीं आपको भी तो नहीं किया जा रहा गैसलाइट, इन लक्षणों से समय रहते करें पहचान

जिन लोगों को गैसलाइट किया जा रहा होता है वो असमंजस में पड़ जाते हैं उन्हें बेचैनी होती है और कई बार तो खुद पर ही भरोसा करना मुश्किल होने लगता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कहीं आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ तो नहीं तो आपको गैसलाइट रहा है।
इन दिनों गैसलाइटिंग (gaslighting) टर्म काफी सुनने और पढ़ने में आ रहा है। यह मानसिक शोषण का ही एक रूप है, जिसमें पीड़ित को अपनी ही सोच, मेमोरी और धारणा पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।
ऐसा करने वाले ज्यादातर अपने करीबी लोग ही होते हैं, जिन पर आप आंख मूंद कर भरोसा करते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो उसकी पहचान कैसे करें और कैसे ऐसे लोगों से खुद को बचाएं, आइए जानते हैं।
ये होते हैं गैसलाइटिंग के लक्षण
अपनी सोच को लेकर संदेह होने लगता है।
बार-बार अपनी याददाश्त पर शक होता है।
खुद को बेतुका या बेवकूफ मानने लगते हैं।
अपने आपको ही नाकाबिल, बेकार मानने लगते हैं।
Gaslight करने वाले इंसान से ही बार-बार माफी मांगते हैं।
औरों को भी उस व्यक्ति की गलत सोच पर सवाल उठाने से रोकते हैं।
खुद को अकेला या अलग-थलग कर लेते हैं।
किन रिश्तों में होता है सबसे ज्यादा
वैसे तो गैसलाइटिंग किसी भी रिश्ते में हो सकता है, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा देखा गया है:
नजदीकी रिश्तों में: रिलेशनशिप में एक शोषक मानसिकता वाला व्यक्ति अपने पार्टनर को gaslight कर उसे औरों से अलग-थलग या दूर करने की कोशिश करता है। उसके आत्मविश्वास को तोड़ने और उस पर कंट्रोल करने के लिए वह ऐसा करता है। वह उससे लगातार ऐसा कहता रहता है कि तुम बेफिजूल की बातें करते हो जब तक कि उसके पार्टनर को ऐसा यकीन ना होने लगे।
बच्चे और पेरेंट: कई बार गैसलाइटिंग के मामले बच्चे और पेरेंट्स के बीच भी देखे जाते हैं, जहां कई सारे एब्यूसिव पेरेंट्स अपने बच्चों को कंट्रोल में रखने के लिए इसका सहारा लेते हैं। उन्हें रोने जैसी बात पर भी कोसते हैं और उन्हें गिल्ट महसूस कराने की कोशिश करते हैं।
वर्कप्लेस पर: दफ्तरों में भी कई बार सुपवाइजर अपने डर, असुरक्षा या सोच को अपने जूनियर पर लादने के लिए गैसलाइटिंग का सहारा लेते हैं। वो अपने नेगेटिव इमोशन को दूसरों पर डालने का प्रयास करते हैं।
ऐसे करें पहचान कि यह आपके साथ हो रहा है
वैसे तो गैसलाइटिंग के शिकार लोगों को इस बात का पता ही नहीं चलता कि उनके साथ ऐसा हो रहा है, लेकिन ध्यान देने पर आप इस तरह पहचान कर सकते हैं:
गैसलाइट करने वाला व्यक्ति अपनी गलतियां नहीं मानता और ना ही उसकी जिम्मेदारी लेता है।
वो आपसे कहता है कि आपको कुछ भी याद नहीं रहता या आप गलत हैं।
आपको ही उन घटनाओं का जिम्मेदार मानने के लिए मजबूर कर देता है।
गलत होने के लिए वह कभी माफी नहीं मांगता।
वह अक्सर यही कहता है आपका दिमाग खराब हो गया है या आप गलत हैं या बेहद सेंसिटिव हैं।
वह आपके अतीत को हथियार बनाता है या आपकी असुरक्षाओं को आपके ही खिलाफ इस्तेमाल करता है।
इस तरह रह सकते हैं सुरक्षित
गैसलाइट करने वाले व्यक्ति के बिहेवियर को पहचानें।
स्क्रीनशॉट, टेक्स्ट मैसेज जैसे सबूतों को सेव रखकर अपने अनुभवों का ट्रैक रखें।
अपने मेंटल और इमोशनल हेल्थ को सबसे पहले रखें। खुद को शांत रखने के लिए मेडिटेशन या ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
अपने खोए हुए आत्मविश्वास को दोबारा हासिल करने के लिए किसी थैरेपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं। इससे गैसलाइटिंग से हुए नुकसान को कम करने में काफी मदद मिल सकती है।
अगर कपल्स के बीच ऐसा कुछ हो रहा है तो दोनों ही थैरेपी के लिए जा सकते हैं।