पद्मावती से जुड़ा सबकुछ एक साथ, विरोध की आग, मर्यादाओं का जौहर

जयपुर.राजस्थान में राजपूत होने के अपने मायने हैं। इतिहास में महाराणा प्रताप, पन्नाधाय, मीरा और पद्मिनी की वीरता के अपने-अपने रंग हैं। लेकिन कई बार यह सियासी समर में विवादों का केन्द्र भी रहे। फिलहाल, करणी सेना ने डायरेक्टर संजय लीला संभाली की फिल्म ‘पद्मावती’ के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी है, लेकिन विरोध देशभर में पहुंच चुका है। करणी सेना ने रिलीज के दिन भारत बंद का एलान किया है। दूसरी ओर, सीएम वसुंधरा राजे ने भी फिल्म को जरूरी बदलाव के बिना रिलीज नहीं करने की अपील की है। कई पूर्व राजघराने फिल्म के विरोध में हैं, लेकिन शनिवार को बूंदी राजघराने से जुड़े बलभद्र सिंह और वंशवर्द्धन सिंह ने कहा कि इसे देखे बिना विरोध, तोड़फोड़ जैसी घटनाएं कायराना हैं।कश्मीर: हिमाचल में पहली बर्फबारी, सबसे कम हुआ टेम्परेचर केलॉन्ग में पारा -2 डिग्री

फिल्मी भाषा में पूरे विवाद का स्क्रीनप्ले

1. थप्पड़:27 जनवरी को जयपुर के जयगढ़ किले में पद्मावती की शूटिंग चल रही थी। शूटिंग के बीच में ही करणी सेना के लोग पहुंच गए। धक्का-मुक्की से शुरू झगड़ा डायरेक्टर भंसाली को थप्पड़ मारने, बाल नोंचने तक पहुंच गया।

2. आग:संजय लीला भंसाली ने फिल्म की शूटिंग जयपुर से कोल्हापुर शिफ्ट कर ली। पर विवाद बरकरार रहा। 14 मार्च की रात 40-50 लोगों की भीड़ ने पेट्रोल बम से हमला कर फिल्म का सेट जला दिया।

3. स्टिंग:26 सितंबर को सामने आए एक न्यूज चैनल के स्टिंग से मामला और गरमा गया। इसमें श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और मुंबई संयोजक उम्मेद सिंह को दिखाया। दावा था कि दोनों ने अलाउद्दीन खिलजी और राजपूत महिला पर बनने वाली फिल्म का विरोध न करने की एवज में डेढ़ करोड़ रुपए मांगे थे।

बिहाइंड द सीन… राजपूत वोट बैंक

– बीजेपी-कांग्रेस भी पद्मावती के विरोध की भाषा बोल रही है। अगले महीने होने वाले गुजरात चुनाव ने भी इसे वोटों से जोड़ दिया है। राजस्थान के बाद गुजरात में ही फिल्म का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है। कोई भी नेता भावनाओं के खिलाफ नहीं जा सकता। दूसरी ओर, राजस्थान में भी अगले साल चुनाव हैं।

राजस्थान में राजपूतों का कितना असर

– यहां 7% राजपूत आबादी है, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 40-45 लाख के बीच मानी गई है। सियासत में राजपूतों का खासा दखल है। वर्तमान में राजपूत समाज से 3 सांसद, 25 विधायक हैं।

रील V/S रियल पद्मावती का सच

– 1540 में कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ लिखा। प्रचलित कहानी यही है कि खिलजी के आक्रमण के बाद रानी पद्मिनी ने जौहर किया था।

– 1589 में हेमरतन की गौरा बादल की चौपाई में पद्मावती के जौहर की कहानी है। एक अन्य हीरामन की कथा में रानी पद्मावती को श्रीलंका की राजकुमारी बताया गया है।
– दूसरी ओर, भंसाली की फिल्म में रानी पद्मावती को डांस करते दिखाया गया है। इस पर बड़ा विवाद है।

पद्मावती की रिलीज पर वसुंधरा राजे ने चिट्टी लिखी

– सीएम वसुंधरा राजे ने सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को लेटर में लिखा, “पद्मावती फिल्म को सर्टिफिकेट देने से पहले सेंसर बोर्ड सभी संभावित नतीजों पर विचार कर ले।”
– “इतिहासकारों, फिल्म एक्सपर्ट और राजपूत कम्युनिटी के मेंबर्स की कमेटी बनाई जानी चाहिए, ताकि फिल्म के सब्जेक्ट को देखा जा सके और जरूरी बदलाव किए जा सकें ताकि किसी भी समुदाय की भावनाएं आहत ना हों।”

डेलिगेशन ने की वसुंधरा से मुलाकात

– “फिल्ममेकर को अपनी समझ के हिसाब से फिल्म बनाने का अधिकार है। लेकिन, संविधान में ये भी लिखा है कि लोगों की भावनाओं और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इन अधिकारों को कंट्रोल किया जाए। फिल्म की रिलीज पर दोबारा किया जाना चाहिए।”
– इससे पहले मेवाड़ रीजन के डेलिगेशन ने वसुंधरा से मुलाकात की। इसमें अर्बन डेवलपमेंट मिनस्टर श्रीचंद कृपलानी, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान भी शामिल थे।

पद्मावती की प्राइवेट स्क्रीनिंग पर सेंसर बोर्ड खफा

– सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने न्यूज एजेंसी से कहा, “सेंसर बोर्ड ने अभी तक न तो फिल्म देखी और न ही इसे सर्टिफिकेट दिया। लेकिन इसके मेकर्स की ओर से प्राइवेट स्क्रीनिंग करना और नेशनल चैनल्स पर फिल्म का रिव्यू करना बेहद अफसोसजनक है।”
– उन्होंने कहा, “एक तरफ फिल्म रिलीज की प्रॉसेस में तेजी लाने के लिए सेंसर बोर्ड पर दबाव डाला जा रहा है, दूसरी तरफ बोर्ड की प्रॉसेस को ही खत्म करने की कोशिश की जा रही है।”

फिल्म पद्मावती को लेकर क्या आपत्ति है?

– राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी लीडर्स और हिंदूवादी संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राजपूत करणी सेना का मानना है कि ​इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। लिहाजा, फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें: ये बनना चाहती हैं मानुषी छिल्लर, अच्छी लगी स्क्रिप्ट तो एक्टिंग करेंगी- कोच

अब तक क्या हुआ?

– विरोध मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और कर्नाटक तक पहुंच गया है।
– राजस्थान की राजपूत करणी सेना के अलावा राजघराने भी फिल्म के खिलाफ हैं। इनकी मांग है कि इसे रिलीज करने के पहले उन्हें दिखाई जाए।
– राजनाथ सिंह, उमा भारती, लालू प्रसाद यादव, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने बयान दिए कि लोगों की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए।
– गुरुवार को राजपूतों ने चितौड़गढ़ का किला बंद रखकर प्रदर्शन किया था।
– करणी सेना के महिपाल मकराना ने कहा, “राजपूत कभी महिलाओं पर हाथ नहीं उठाते, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका पादुकोणका वही हाल करेंगे, जो लक्ष्मण ने सूर्पणखा का किया था।”
– संभल में प्रोटेस्टर्स ने पोस्टर लगाए गए। इनमें लिखा था कि संजय लीला भंसाली का सिर काटने वाले को 50 लाख इनाम।

Back to top button