कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों के बिना अनुमति के प्रवेश पर रोक, IAS नेहा मारव्या सिंह के आदेश पर विरोध तेज

मध्यप्रदेश की चर्चित और तेजतर्रार IAS अधिकारी नेहा मारव्या सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लंबे समय तक फील्ड पोस्टिंग से वंचित रहने के बाद जनवरी 2025 में डिंडोरी जिले की कलेक्टर नियुक्त की गईं नेहा मारव्या सिंह ने अब एक ऐसा आदेश जारी किया है, जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 का हवाला देते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों के बिना अनुमति प्रवेश पर रोक लगा दी है। आदेश के अनुसार अब पत्रकार केवल कलेक्टर की अनुमति के बाद ही कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इस निर्णय के बाद से स्थानीय पत्रकारों में नाराजगी है। उन्होंने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इस फैसले का विरोध जताया है। पत्रकारों का कहना है कि यह आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रशासनिक पारदर्शिता के सिद्धांतों के खिलाफ है।

गौरतलब है कि नेहा मारव्या सिंह अपने बेबाक रवैये और ईमानदार छवि के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अपने करियर में कई बार सिस्टम से टकराते हुए साहसिक फैसले लिए हैं। कभी कलेक्टर की गाड़ी का बिल रोकना हो या भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई, नेहा हमेशा नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए जानी गई हैं। लेकिन इसी सख्त रवैये के कारण उन्हें 2011 बैच की IAS अफसर होने के बावजूद करीब 14 वर्षों तक फील्ड पोस्टिंग नहीं मिल पाई थी।

2024 के अंत में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा साझा करते हुए लिखा था कि नौ महीने से उनके पास कोई काम नहीं है और 14 वर्षों में उन्हें कभी फील्ड पोस्टिंग नहीं दी गई। उनकी यह पोस्ट वायरल होने के बाद सरकार पर दबाव बढ़ा और जनवरी 2025 में उन्हें डिंडोरी का कलेक्टर बनाया गया।

अब पत्रकारों के प्रवेश पर रोक के फैसले के बाद नेहा मारव्या सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि यह कदम कलेक्ट्रेट की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने के लिए उठाया गया है, जबकि विरोधियों का मानना है कि यह निर्णय मीडिया को दूर रखने और प्रशासनिक पारदर्शिता को सीमित करने जैसा है।

विवाद बढ़ने पर कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह ने 1 जुलाई को दोपहर 1 बजे संशोधित आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि विशेष परिस्थितियों में पत्रकारों को कलेक्टर की अनुमति से प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने संवाद बनाए रखने के लिए पत्रकारों को बैठक के लिए आमंत्रित भी किया, लेकिन पत्रकारों ने इस आमंत्रण को ठुकराते हुए विरोध जारी रखने का एलान किया है।

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