कर्मचारियों से जबरन इस्तीफा लेने की खबर के बीच TCS ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने टीसीएस (TCS) द्वारा स्पाइसजेट के खिलाफ दायर वसूली मामले में स्पाइसजेट को नोटिस जारी किया है। टीसीएस ने स्पाइसजेट से ब्याज समेत 2.34 करोड़ रुपये की वसूली की मांग की है जो जुलाई 2019 से सितंबर 2023 के बीच दी गई सेवाओं के लिए बकाया है। अदालत ने स्पाइसजेट को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की तरफ से दायर एक वसूली मामले में स्पाइसजेट को तलब किया है। टीसीएस की याचिका में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 1D पर बजट एयरलाइन स्पाइसजेट की संपत्ति को कुर्क करने की मांग की गई है।

टीसीएस जुलाई 2019 से सितंबर 2023 के बीच दी गई सेवाओं के लिए एयरलाइन से ब्याज समेत ₹2.34 करोड़ की वसूली की मांग कर रही है। आईटी दिग्गज के वकील असव राजन ने अदालत को बताया कि एयरलाइन ने 2020 से इनवॉइस और पेमेंट प्लान के तहत भुगतान करने से “स्पष्ट रूप से इनकार” किया है और टीसीएस की रिक्वेस्ट को नजरअंदाज किया है।

साल 2018 में हुआ था एग्रीमेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले हफ्ते स्पाइसजेट को भेजे गए नोटिस में न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने एयरलाइन को जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर के लिए निर्धारित की है।

बता दें कि साल 2018 में, टीसीएस और स्पाइसजेट ने एक बहुआयामी सर्विस एग्रीमेंट किया था, जिसके तहत टीसीएस को स्पाइसजेट के कॉम्प्लेक्स बिजनेस ऑपरेशन को सुव्यवस्थित करने के लिए ‘SAP S/4 HANA’ सॉफ्टवेयर सिस्टम डेवलप और उसे सपोर्ट करना था। टीसीएस ने स्पाइसजेट को 2023 तक ये सर्विसेद दीं।

लंबे संबंधों के चलते टीसीएस देती रही सर्विसेज
राजन ने दावा किया कि स्पाइसजेट द्वारा अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार दिए गए पेमेंट प्लान्स को स्वीकार करने सहित, अपना बकाया पाने के लिए टीसीएस ने कई प्रयास किए, मगर इसके बावजूद, एयरलाइन टीसीएस को पेमेंट करने में विफल रही।

याचिका में कहा गया है कि दोनों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों के कारण, आईटी कंपनी स्पाइसजेट को सर्विसेज देती रही।

पिछले साल जारी किया था नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टीसीएस के मुताबिक पिछले साल जनवरी में भी, स्पाइसजेट ने बकाया राशि को स्वीकार किया था, लेकिन कॉम्प्रिहेंसिव इनवॉइस डिटेल प्राप्त होने के बावजूद, खातों का सेटलमेंट नहीं किया यानी पेमेंट नहीं की। इसके अलावा, बार-बार की गई जाँच और अपडेट का भी कोई असर नहीं हुा।

याचिका में कहा गया है कि टीसीएस ने 15 जून, 2024 को एयरलाइन से बकाया राशि की माँग करते हुए एक कानूनी नोटिस जारी किया, लेकिन एयरलाइन ने न तो कोई जवाब दिया और न ही बकाया राशि का कोई भुगतान किया।

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