करोड़ों iPhone यूजर्स पर मंडराया हैकिंग का खतरा

एपल के AirPlay फीचर के जरिए म्यूजिक फोटो और वीडियो को आसानी से एपल डिवाइसेज कंपैटिबल थर्ड-पार्टी स्पीकर्स और टीवी पर स्ट्रीम किया जाता है। लेकिन नई सिक्योरिटी खामियां हैकर्स को वायरलेस कनेक्शन के जरिए मैलवेयर फैलाने की इजाजत दे सकती हैं। स्मार्ट-होम डिवाइसेज में अपडेट्स की कमी से खतरा बरकरार है। आइए जानते हैं इस बारे में बाकी डिटेल।
Apple का AirPlay फीचर म्यूजिक, फोटो और वीडियो को एपल डिवाइसेज और कंपैटिबल थर्ड-पार्टी स्पीकर्स और टीवी पर सीमलेस तरीके से स्ट्रीमिंग की इजाजत देता है।हालांकि, एयरप्ले में हाल ही में खोजी गई सिक्योरिटी संबंधी खामियां हैकर्स को इन वायरलेस कनेक्शन्स का फायदा उठाने का मौका दे सकती हैं, जिससे एक ही नेटवर्क के भीतर डिवाइसेज के बीच मैलवेयर फैलाया जा सकता है। एपल प्रोडक्ट्स के लिए रेगुलर फिक्सेस के बावजूद, कई स्मार्ट-होम डिवाइसेज रेगुलर अपडेट्स न मिलने की वजह से वल्नरेबल रह सकते हैं। इससे AirPlay-इनेबल्ड मॉडल्स में सालों तक खतरा बना रह सकता है।
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, ‘AirBorne’ नाम का खतरा हैकर्स को मैलवेयर डिप्लॉय करने, आपके निजी डेटा पर नजर रखने, या यहां तक कि आपके डिवाइस के सेम Wi-Fi नेटवर्क से कनेक्ट होने पर आपकी बातचीत को सुनने की अनुमति देता है। इसमें एयरपोर्ट्स, कॉफी शॉप्स या ऑफिस जैसे पब्लिक प्लेसेस शामिल हैं। हैकर्स से बचने के लिए यूजर्स को सभी डिवाइसेज को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर पर अपडेट करने की सलाह दी गई है, खासकर AirPlay से कनेक्टेड डिवाइसेज को।
अगर इसका इस्तेमाल न हो, AirPlay फीचर को पूरी तरह डिसेबल करने की भी सलाह दी गई है। क्योंकि, ये हैकर्स के लिए आपके डिवाइस का कंट्रोल लेने का एक्सेस पॉइंट बन सकता है।
तेल अवीव की साइबरसिक्योरिटी फर्म Oligo के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर और को-फाउंडर गाल एल्बाज ने Wired को बताया, ‘AirPlay इतने सारे डिवाइसेज में सपोर्टेड है कि कई डिवाइसेज को पैच करने में सालों लगेंगे या वे कभी पैच नहीं होंगे।’ ‘ये सब एक सॉफ्टवेयर की खामियों की वजह से है, जो हर चीज को प्रभावित करती है।’
ये करीब 23 खामियां एपल के AirPlay प्रोटोकॉल और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट (SDK) में मिलीं, जो यूजर्स को फोटो, म्यूजिक और वीडियो डिवाइसेज के बीच बीम करने देता है।
एपल ने अपने डिवाइसेज में खामी ठीक करने के लिए सिक्योरिटी अपडेट्स जारी किए हैं, लेकिन लाखों थर्ड-पार्टी गैजेट्स, स्मार्ट टीवी से लेकर सेट-टॉप बॉक्स और कार सिस्टम्स अभी भी खतरे में हो सकते हैं, अगर उनके मैन्युफैक्चरर्स ने पैच नहीं किया हो।
यूजर्स को ऐसे भी अपने फोन के सॉफ्टवेयर और बाकी ऐप्स को भी समय-समय पर अपडेट करते रहना चाहिए। क्योंकि, इसमें जरूरी सिक्योरिटी पैच शामिल होते हैं।