कमेंट्री से लेकर कोचिंग तक, चेतेश्वर पुजारा ने शेयर किया फ्यूचर प्लान

हाल ही में संन्यास का एलान करने वाले भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा को अपने करियर के अगले पड़ाव में कोचिंग या बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भूमिका निभाने में कोई आपत्ति नहीं है। संन्यास के बाद अब पुजारा ने फ्यूचर प्लान से लेकर अन्य मुद्दों पर खुलकर बात की है।
पीटीआई से बातचीत में पुजारा ने कहा, “मुझे ब्रॉडकास्टिंग कार्य में निश्चित रूप से मजा आया है। इसलिए मैं इसे जरूर जारी रखूंगा। जब कोचिंग या एनसीए (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) में किसी भी काम की बात आती है तो मैं इसके लिए तैयार हूं। मैंने अभी तक इस बारे में गंभीरता से नहीं सोचा है। जब भी कोई मौका आएगा, मैं उस पर फैसला लेने की कोशिश करूंगा। मैंने पहले भी कहा है कि मैं खेल से जुड़ा रहना चाहता हूं। मैं भारतीय क्रिकेट में जिस भी तरह से योगदान दे सकता हूं, मुझे ऐसा करने में खुशी होगी।”
पुजारा ने बिना किसी पछतावे के खेल छोड़ दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि आजकल टेस्ट क्रिकेट पारंपरिक तरीके से शायद ही खेला जाता है। टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी का पारंपरिक रूप एक लुप्त होती कला है। क्या यह पुजारा जैसे किसी खिलाड़ी को दुखी करता है? पुजारा ने कहा,”मुझे नहीं लगता कि मैं दुखी हूं। मुझे अब भी लगता है कि मौजूदा दौर में भी एक क्लासिक टेस्ट खिलाड़ी के लिए गुंजाइश है। लेकिन समय बदल गया है। समय के साथ आगे बढ़ना जरूरी है।”
दिग्गज टेस्ट क्रिकेटर ने कहा, “अगर मुझे किसी युवा खिलाड़ी को कुछ कहना हो, तो मैं कहूंगा कि आपको खेल के तीनों फॉर्मेट में खेलना चुनना चाहिए।” इसका कारण यह है कि खिलाड़ियों को आईपीएल या वनडे टीम में उनके प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट टीम में चुना जा रहा है। इसलिए जब आप व्हाइट बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो आपको भारतीय टेस्ट टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल जाता है। उन्होंने अभिमन्यु ईश्वरन और करुण नायर का भी उदाहरण दिया जो रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद टीम में शामिल हो रहे हैं।