कब है सर्वपितृ अमावस्या, पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए जरूर करें ये काम

पंचांग के अनुसार भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। साथ ही पितृ पक्ष का समापन आश्विन माह की अमावस्या पर होता है। आश्विन माह की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस तिथि पर पितृ पितृलोक लौट जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल सर्वपितृ अमावस्या कब मनाई जाएगी।

पितृ पक्ष 15 दिनों तक चलते हैं, जिसमें अपने पूर्वजों को भोजन और अर्पण कर श्रधांजलि दी जाती है। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से होने जा रही है। पितृ पक्ष का आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या को पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए एक खास दिन माना गया है। इस दिन पर यदि आप ये कार्य करते हैं, तो इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिल सकता है।

कब है सर्वपितृ अमावस्या
आश्विन माह की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 सितंबर, को रात 12 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 22 सितंबर को देर रात 1 बजकर 23 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या रविवार, 21 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहने वाले हैं-

कुतुप मूहूर्त – सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से 1 बजकर 27 मिनट तक
अपराह्न काल – दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से दोपहर 3 बजकर 53 मिनट तक

जरूर करें ये काम
सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा न कर पाएं, तो इसके स्थ घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करें।

इस दिन पर गाय, कुत्‍ते, कौवे, देव और चींटी के लिए भोजन निकालें। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें। ऐसा करने से पितरों की कृपा मिलती है।

पीपल के पेड़ के उपाय
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल की पेड़ की पूजा जरूर करेंं, क्योंकि इस पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। पेड़ की सात परिक्रमा करें और पेड़े के नीचे सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डालकर जलाएं। आप इस दिन पर किसी मंदिर के बाहर पीपल का पेड़ भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको शुभ परिणाम मिल सकते हैं।

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