कब मनाई जाएगी देवशयनी और योगिनी एकादशी?

सनातन शास्त्रों में निहित है कि एकादशी (Ekadashi Vrat 2025) के दिन व्रत रखने से साधक को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी समय के साथ वृद्धि होती रहती है।

आषाढ़ का महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रिय है। इस महीने में देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। यह दिन पूर्णतया भगवान मधुसूदन को समर्पित है। इस दिन से जग के नाथ भगवान विष्णु क्षीर सागर में अगले चार महीने तक विश्राम करते हैं। भगवान विष्णु के क्षीर सागर में विश्राम करने की अवधि को चातुर्मास कहते हैं। चातुर्मास के दौरान सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव करते हैं। आइए, आषाढ़ महीने में पड़ने वाली एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

कब मनाई जाती है योगिनी एकादशी?
हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को अक्षय और अमोघ फल मिलता है। साथ ही साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है।

योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2025)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 21 जून को सुबह 07 बजकर 18 मिनट से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी और 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 21 जून को योगिनी एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, 22 जून को योगिनी एकादशी का पारण किया जाएगा।

कब मनाई जाती है देवशयनी एकादशी?
हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के एक दिन पहले देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस शुभ अवसर पर साधक या भक्तजन विधि-विधान से जग के नाथ भगवान विष्णु और जगत की देवी मां लक्ष्मी की पूजा एवं भक्ति करते हैं। इस व्रत को करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2025)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 05 जुलाई को शाम 06 बजकर 58 मिनट से आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी और 06 जुलाई को शाम 09 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। इसके लिए 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी।

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