कन्नौज में शहीद प्रदीप सिंह यादव को मुखाग्नि देने के बाद बेटी की बिगड़ी तबीयत

कन्नौज। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद प्रदीप सिंह यादव की अंतिम विदाई में आज जिला रो दिया। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि देने के बाद बेटी सुप्रिया बेहोश हो गयी। बेटी को प्राथमिक इलाज के लिए भेजा गया है।

इत्रनगरी कन्नौज के हसेरन क्षेत्र के गांव सुखसेनपुर में आज सुबह लखनऊ से सीआरपीएफ से डीआइजी जीसी जसवीर सिंह सिंधु के नेतृत्व में 115 बटालियन सीआरपीएफ के 30 जवानों की टोली शहीद प्रदीप सिंह का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंची। इसके बाद गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया।

इस दौरान अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए इटावा आज रोड पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। यहां जैसे ही सीआरपीएफ की गाडिय़ों ने गांव में प्रवेश किया, वैसे ही लोगों ने भारत माता की जय और जय हिंद के उद्घोष से आसमान गूंज उठा। तिरंगे में शव को लिपटे देख पत्नी और बच्चे पिता के पार्थिव शरीर पर गिर पड़े, पिता अमर सिंह आंसुओं को रोक नहीं सके। वो एक ही बात बोल रहे थे, देश के दुश्मनों को छोडऩा मत।

प्रदीप का पार्थिव शरीर जब घर के आंगन से उठा तो पूरा जिला रो दिया। आंखों से बहते आसुओं से गौरवान्वित होकर जवान को सैल्यूट मारा। किसी ने दोनों हाथ जोड़कर नमन किया। इस दौरान भारत माता की जय के नारे गूंजते रहे। जवान के पार्थिव शरीर को डीएम रवींद्र कुमार, एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह और तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत ने कंधा दिया।

राजकीय सम्मान के साथ गांव में ही जवान का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान अपने लाल के अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों लोग गांव पहुंचे। सीआरपीएफ के गांव में प्रवेश करते ही गांव भारत माता की जय और जयहिंद के उद्घोष से गूँज उठा।

बेसुध हो गए पत्नी और बच्चे

शहीद प्रदीप का तिरंगे में लपटा शव देखकर पत्नी और बच्चे बेसुध हो गए। पिता अमर सिंह भी आंसुओं को रोक न सके। उनके दिल से बस एक ही बात निकल रही थी कि देश के दुश्मनों को छोडऩा मत। प्रदीप का पार्थिव शरीर पर जब आंगन से उठा तो हर आंख रो उठी। जवानों ने नम आंखों के साथ गौरवांवित होकर शहीद को सैल्यूट मारा, तो तमाम लोगों ने हाथ जोड़कर नमन किया। इस दौरान भारत माता की जय के नारे गंूजते रहे। जवान के पार्थिव शरीर को जिलाधिकारी रवीेंद्र कुमार, एसपी अमरेंद्र सिंह और तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत ने कांधा दिया। 

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