कठुआ में बादल फटने से आशियाने तबाह, सड़कें ध्वस्त…

जिला प्रशासन कठुआ ने भेड़ बलोर में दो राहत शिविर सक्रिय किए हैं। इनमें पंचायत घर में 25 और हाई स्कूल में शाम तक लगभग 30 लोग शरण ले चुके थे। सिडको औद्योगिक क्षेत्र में 150 लोगों व पंचायत घर में करीब 50 के लोगों ने शरण ली है।

कठुआ में बादल फटने से जिले में बिजली, पानी और सड़क संपर्क के अलावा सार्वजनिक संपत्ति को मिलाकर लगभग 100 करोड़ का नुकसान हुआ है। हजारों घरों को आंशिक नुकसान हुआ तो वहीं सैंकड़ों आशियाने पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। नुकसान का आकलन फिलहाल जारी है। प्रशासन ने जिले में चार राहत शिविर सक्रिय कर दिए हैं। इसमें करीब 300 लोग मंगलवार शाम तक शरण ले चुके हैं। अपना घर छोड़कर यह लोग अब सरकारी मदद के सहारे हैं।

जिला प्रशासन कठुआ ने भेड़ बलोर में दो राहत शिविर सक्रिय किए हैं। इनमें पंचायत घर में 25 और हाई स्कूल में शाम तक लगभग 30 लोग शरण ले चुके थे। सिडको औद्योगिक क्षेत्र में 150 लोगों व पंचायत घर में करीब 50 के लोगों ने शरण ली है। प्रशासन ने यहां लोगों ने रहने खाने के अलावा बिजली और पानी की भी व्यवस्था कर दी है।

बादल फटने से जिले में सरकारी संपत्ति का 100 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। लोक निर्माण विभाग की 169 सड़कों को नुकसान पहुंचा है। 568 किलोमीटर तक सड़कों का नेटवर्क जिले में आपदा से प्रभावित हुआ है। इसमें से वर्तमान में 60 सड़कें बंद हैं, 40 बहाल कर दी गई हैं और बाकियों में काम चल रहा है। विभाग के कार्यकारी अभियंता अरविंद लंगेह ने बताया कि 30 से 40 करोड़ का नुकसान सड़क नेटवर्क में हुआ है। बाढ़ में कई पुल और सड़कें भी बह गई हैं।

जलशक्ति विभाग का भी बागड़ा, दिलवां, बड़ा नाल, डिंगा अंब कटली में भारी नुकसान हुआ है। विभाग के अनुसार तीन से चार महीने तक बहाली में लग सकते हैं। विभाग के कार्यकारी अभियंता गिरधारी लाल ने बताया कि पाइप नेटवर्क ही चला गया है।

पीने के पानी के लिए सामुदायिक कुंए, कुछ हैंडपंप रिपेयर करवाए हैं। इलाकों में बिजली व सड़कें खराब होने से पानी की टैंकर से सप्लाई भी संभव नहीं है। विभाग ने जिन हैंडपंप में मिट्टी आ गई है उनको भी साफ करवाने का काम शुरू कर दिया है। बुधवार से प्रयास रहेगा कि जनरेटर लेकर पानी मुहैया करवाया जाए या पानी हैंडपंप से निकाला जाए। इसके लिए पठानकोट से टीम बुलवाई गई है। बताया कि क्षेत्र में 50 योजनाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। डिंगा अंब कटली से लेकर दिलवां, ढोरसी तक भारी तबाही हुई है। प्राथमिक तौर पर 25 करोड़ से अधिक का नुकसान है।

बिजली ढांचे को 5.50 करोड़ का नुकसान, 22 ट्रांसफार्मर लापता
कठुआ जिले में बिजली बहाली का काम मौसम साफ होते ही शुरू कर दिया गया है। इसमें एक सप्ताह लगने का अनुमान है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 900 खंभे क्षतिग्रस्त हुए हैं और 22 ट्रांसफार्मर का कुछ पता नहीं चला है। विभाग के कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि एलटी लाइन 29 सर्किट किलोमीटर और एचटी लाइन 25 सर्किट किलोमीटर प्रभावित हो चुकी है। लगभग 1.30 करोड़ रुपये फौरी बिजली बहाली के लिए जरूरत है, जबकि 5.50 करोड़ का नुकसान हुआ है।

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