‘ऑपरेशन सिंदूर स्वराज की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का बेहतरीन उदाहरण’, अमित शाह का बयान

गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता का उदाहरण बताया और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत की सेनाएं फिर से इसी तरह साहस दिखाएंगी। उन्होंने पेशवा बाजीराव प्रथम को देश की आजादी की नींव मजबूत करने वाला नायक बताया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं और देश का नेतृत्व ‘स्वराज’ यानी देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस भावना का सबसे अच्छा उदाहरण हाल ही में हुआ ऑपरेशन सिंदूर है। अमित शाह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), पुणे में मराठा योद्धा और प्रधानमंत्री पेशवा बाजीराव प्रथम की घुड़सवार प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि एनडीए में इस प्रतिमा का बनना इसलिए भी खास है क्योंकि यह संस्थान सेना के नेतृत्व की ट्रेनिंग देता है।

शिवाजी और बाजीराव से मिलती है प्रेरणा
अमित शाह ने इस दौरान कहा, ‘जब भी मेरे मन में नकारात्मक विचार आते हैं, मैं शिवाजी और पेशवा बाजीराव को याद करता हूं। वे विपरीत परिस्थितियों में भी स्वराज स्थापित करने में सफल रहे थे। यह हमें आज के समय में भी प्रेरणा देता है।’ उन्होंने कहा कि आज देश का स्वराज 140 करोड़ भारतीयों की जिम्मेदारी है और अगर इसे बचाने के लिए लड़ाई की जरूरत पड़ी, तो हमारी सेनाएं और नेतृत्व पीछे नहीं हटेगा।

ऑपरेशन सिंदूर: स्वराज की रक्षा का उदाहरण
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, ‘जब स्वराज स्थापित करने की जरूरत थी, हमने लड़ाई लड़ी। और जब स्वराज की रक्षा के लिए लड़ाई की जरूरत होगी, तो हम पीछे नहीं हटेंगे। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में यह बात साफ तौर पर दिखी कि हम स्वराज की रक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं।’

पेशवा बाजीराव को दी श्रद्धांजलि
अमित शाह ने पेशवा बाजीराव प्रथम (1700–1740) को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘अगर छत्रपति शिवाजी महाराज की तरफ से शुरू की गई आजादी की लड़ाई और पेशवाओं की तरफ से उसे आगे नहीं बढ़ाया गया होता, तो आज भारत की मूल संरचना शायद नहीं बच पाती।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘अपने केवल 40 वर्षों के जीवन में बाजीराव ने ऐसा अमर इतिहास रचा, जो और कोई नहीं कर सका।’

एनडीए कैडेट्स से बातचीत
इस कार्यक्रम के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीए के कैडेट्स से मुलाकात की और उनसे बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि बाजीराव जैसे योद्धा की प्रतिमा यहां होना देश की रक्षा में युवाओं की भूमिका को और मजबूती देगा।

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