ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ, भारत ने हासिल की निर्णायक जीत’

अमेरिका के एक मिलिट्री एक्सपर्ट ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की है और साथ ही बताया है कि भारत को कैसे जीत मिली है। मिलिट्री एक्सपर्ट जॉन स्पेंसर ने कहा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए अपना रणनीतिक मकसद पूरा कर लिया है।

जॉन स्पेंसर के मुताबिक, भारत के इस ऑपरेशन का मकसद न तो POK पर कब्जा करने का था और न ही पाकिस्तान की सत्ता बदलने का। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। कुछ लोग इसे सीजफायर कह सकते हैं, लेकिन यह विराम नहीं है।

‘भारत की हुई बड़ी जीत’
स्पेंसर ने कहा कि भारत ने एक बड़ी जीत हासिल कर ली है और साथ ही भारत ने न तो पहले की तरह संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है और न ही पाकिस्तान को चेतावनी दी। भारत ने सीधे लड़ाकू विमाम भेजे और हमला किया।

जॉन स्पेंसर ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने साफ कर दिया है कि आतंक के खिलाफ उसकी क्या रणनीति है और अपनी इस रणनीति को वे एक नए स्तर पर पहुंचा चुके हैं। साथ ही भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंक का जवाब अब युद्ध से मिलेगा।

मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में चेयरमैन जॉन स्पेंसर ने कहा कि भारत ने सिर्फ दिखावे के लिए एक्शन नहीं लिया था, बल्कि सोच-समझकर और पूरी प्लानिंग के साथ हमला किया था और भारत ने साफ संदेश दिया कि आतंक का जवाब अब युद्ध से मिलेगा।

‘परमाणु धमकी से नहीं डरता है भारत’
जॉन स्पेंसर ने कहा कि जिस तरह से भारत ने एक्शन लिया है उससे साफ पता चलता है कि भारत अब परमाणु धमकी से नहीं डरता है। भारत परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में विकसित हो रहे आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमला करेगा।

स्पेंसर ने कहा- कई चरणों में ऑपरेशन सिंदूर को दिया गया अंजाम
7 मई- भारत ने सटीक हमला कर आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त किया, जिसमें बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद जैसी जगहें शामिल थीं।

8 मई- पाकिस्तान ने भारत के पश्चिमी राज्यों में बड़े पैमाने पर ड्रोन अटैक किया, जिसे भारतीय डिफेंस सिस्टम ने नष्ट कर दिया।

9 मई- भारत ने पाकिस्तान के 6 एयरबेस पर हमले किए।

10 मई- सीजफायर का ऐलान किया गया। हालांकि, भारत ने इसे साफतौर पर सीजफायर नहीं कहा है और सिर्फ गोलीबारी बंद की है।

भारत को मिली निर्णायक जीत- स्पेंसर
स्पेंसर ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कब्जे या फिर सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं था। आलोचना करने वाले कहते हैं कि भारत को आगे जाना चाहिए था, लेकिन वे भूल जाते हैं कि रणनीतिक सफलता विनाश से नहीं राजनीतिक असर से मापी जात है।

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