ऑनलाइन मनी गेम पर बैन का असर, MPL करेगा 300 कर्मचारियों की छंटनी

ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) भारत में 60 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करेगा। कंपनी के सीईओ साई श्रीनिवास ने कर्मचारियों को एक मेल भेजकर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि नए कानून के बाद कंपनी भारत से कोई रेवेन्यू नहीं कमाएगी जिसके कारण उन्हें भारत में अपना स्टाफ कम करना होगा।
ऑनलाइन गेमिंग ऐप मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) भारत में 60 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। यह जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दी है। ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर रोक लगाने के लिए लाए कानून के बाद भारत में काम कर रही रियल मनी फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म इस तरह के फैसले ले रही हैं। केंद्र सरकार ने इन प्लेटफॉर्म के चलते हो रहे लोगों को हो रहे वित्तीय नुकसान के चलते इस कानून को पेश किया था, जिसके बाद भारत में फैंटेसी क्रिकेट, रम्मी और पोकर जैसे रियल मनी आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म बंद हो गए हैं।
रियलमी मनी गेमिंग इंडस्ट्री को झटका
ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और नियमावली 2025 से भारत में काम कर रहे रियल मनी आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म को जबरदस्त झटका लगा है। इन प्लेटफॉर्म को टाइगर ग्लोबल और पीक XV पार्टनर्स जैसी वेंचर कैपिटल फर्मों से निवेश मिला है।
एक्सपर्ट का अनुमान था कि 2029 तक ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 3.6 अरब डॉलर की हो जाएगी। भारत में हाल के दिनों में ड्रीम11 और एमपीएल जैसे फैंटेसी गेम प्लेटफॉर्म खूब पॉपुलर हुए थे, जिनमें पैसा लगाकर लोग नगर इनाम जीत रहे थे।
MPL में छंटनी
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म MPL का कहना है कि वह भारत में फ्री-टू ब्ले गेम्स पर अपना फोकस बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही रियल मनी के लिए वह अमेरिका जैसे देशों का रुख करेगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कंपनी से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि कंपनी भारत में 60 प्रतिशत यानी करीब 300 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। ये कर्मचारी मार्केटिंग, फाइनेंस, लीगल, इंजीनियरिंग और ऑपरेशंस डिपार्टमेंट से हो सकते हैं।
एमपीएल के सीईओ साई श्रीनिवास ने कर्मचारियों को मेल भेजकर इस छंटनी के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने मेल में लिख कि कंपनी अपने इंडिया स्टाफ से काफी हद तक छंटनी की प्लानिंग कर रही है। इस मेल में कितने स्टाफ की छंटनी होगी इसे लेकर कुछ भी जानकारी नहीं है।
M-League की कुल आय का 50% हिस्सा भारत से है। नए कानून के बाद कंपनी भारत से कोई रेवेन्यू नहीं कमाएगी। ऐसे में कंपनी को यह छंटनी करनी पड़ रही है। रॉयटर्स ने एमपीएल को इस मेल के जारी होने के बाद कुछ सवाल पूछे थे, जिनपर कंपनी ने फिलहाल कोई रिप्लाई नहीं दिया है।