‘ऐसा लगता है कि वो 130 साल के व्यक्ति…’ शुंभाशु की प्रतिभा के मुरीद हुए साथी अंतरिक्षयात्री

भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) के सफर पर रवाना होने वाले हैं। इस मिशन पर शुभांशु के साथ जाने वाले उनके साथी अंतरिक्षयात्री उनकी प्रतिभा के कायल हैं। वे शुंभाशु को प्यार से ‘शक्स’ कहते हैं।

शुभांशु के साथ जाने वाले अंतरिक्षयात्रियों में पोलैंड से स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्नीवस्की, हंगरी से टिबोर कापू और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन शामिल हैं। टिबोर कापू ने कहा, शक्स (शुंभाशु की बुद्धिमत्ता और उनके ज्ञान से पता चलता है कि जैसे उनकी उम्र 130 साल हो।

कमांडर व्हिटसन ने शुंभाशु को लेकर क्या कहा?
अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री ओर मियान की कमांडर व्हिटसन जिन्होंने अंतरिक्ष में 675 दिन बिताए हैं और 10 अंतरिक्ष चहलकदमी की है ने कहा, मेरे लिए, ड्रैगन कैप्सूल में उन्हें पायलट के रूप में रखना बहुत अच्छी बात है। वह अंतरिक्ष से संबंधित तकनीक में पहले से ही बहुत निपुण हैं।

विस्नीवस्की ने कहा, शुंभाशु शीघ्र निर्णय लेने में पारंगत हैं। शुंभाशु ने भी अपने साथियों की प्रशंसा की। स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्षयान फाल्कन 9 रॉकेट के जरिये मंगलवार को भारतीय समयानुसार शाम पांच बजकर 52 मिनट पर फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरेगा।

‘अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनकर भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं’
शुभांशु ने ‘एक्सिओम स्पेस’ द्वारा जारी एक वीडियो में कहा, यह अद्भुत यात्रा रही है। अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनकर बेहद भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि अपने आदर्श राकेश शर्मा की तरह वह भी अगली पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान को करियर के रूप में अपनाने और अंतरिक्ष यात्री बनने का प्रयास करने के लिए प्रेरित करना चाहेंगे।

शुंभाशु अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय होंगे। राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्षयात्री हैं।

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