एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से भारत को मिलेगी 12 अरब डॉलर की सहायता, कहां खर्च होगी यह राशि…

ADB यानी एशियन डेवलपमेंट बैंक ने कहा है कि वह भारत सरकार को उसकी फ्लैगशिप योजनाओं के लिए फंड उपलब्ध कराएगा। मल्टीनेशनल बैंक ने पाइप्ड वाटर फार ऑल और रोड सेफ्टी जैसी योजनाओं के लिए 12 अरब डॉलर की सहायता देने की बात कही है। यह धन तीन वर्षो में जारी किया जाएगा।

एडीबी के प्रेसीडेंट ताकेहिको नाको ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद यह बात कही है। मुलाकात के दौरान मोदी और नाको में नई टेक्नोलॉजी के प्रमोशन और रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर पंप से सिंचाई, इलेक्टिक व्हीकल और बैटरी, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों, सस्टेनेबल टूरिज्म और प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत हुई।

नाको ने कहा कि एडीबी भारतीय इकोनॉमी को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने के विजन में भारत सरकार के साथ है। भारत को एडीबी की सॉवरेन लेंडिंग बीते साल तीन बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। ये फंड ट्रांसपोर्ट, अर्बन, सिंचाई, स्किल डेवलपमेंट आदि कामों में खर्च की गई। नाको ने कहा है कि एडीबी आगामी तीन सालों में 12 बिलियन डॉलर देने को तैयार है।

इसमें से तीन बिलियन डॉलर सॉवरेन ऑपरेशन तथा एक बिलियन डॉलर प्राइवेट सेक्टर में निवेश के जरिए दिया जाएगा। भारत पिछले पांच वर्षो से एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सबसे तेज विकास करने वाली इकोनॉमी है। इसने इन वर्षो के दौरान 7.5 परसेंट की ग्रोथ रेट के साथ विकास दर्ज किया है।

नाको ने कहा कि भारत वित्त वर्ष 2019 के दौरान वैश्विक रुझान के इतर सात परसेंट की ग्रोथ रेट दर्ज करेगा तथा 2020 में यह 7.2 परसेंट की दर से विकास करेगा।बैठक के दौरान एशियाई विकास बैंक के प्रमुख ने कहा कि भारत सरकार को इकोनॉमी प्रबंधन पर ध्यान देना होगा और सुधार कार्यक्रमों को जारी रखना होगा।

ग्रामीण इकोनॉमी को सुधारने के साथ ही जॉब क्रिएशन पर भी जोर देना होगा। नाको ने भारत सरकार द्वारा किए गए लेबर लॉ, भूमि अधिग्रहण सुधार जैसे कार्यो की तारीफ की। एडीबी सेकेंडरी एजुकेशन और यूनिवर्सल हेल्थ जैसे कार्यक्रमों में भी सहायता कर रहा है।

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