एलपीजी सिलेंडर बुक कराने पर भी अब आप पा सकते हैं कैशबैक

अगर आप एलपीजी सिलेंडर बुक कर रहे हैं तो उस पर कैशबैक पा सकते हैं, लेकिन इसके लिए एक शर्त को पूरा करना पड़ेगा। पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा तेल मार्केटिंग कंपनियां भी एक साल पहले शुरू हुए इस ऑफर को समय-समय पर प्रचारित करती रहती हैं। लेकिन जागरूकता के आभाव में लोग इस स्कीम का फायदा नहीं ले रहे हैं। 
एलपीजी सिलेंडर बुक कराने पर भी अब आप पा सकते हैं कैशबैक
मिलेगा 5 रुपये का कैशबैक
हर महीने अगर आप एलपीजी सिलेंडर की रिफिल की बुकिंग करते हैं तो फिर 5 रुपये का कैशबैक मिल सकता है। तेल मार्केटिंग कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने इस साल जनवरी में इस सर्विस को शुरू किया था।

यह ऑफर अभी भी लागू है। इसके तहत अगर आप अपने सिलेंडर की बुकिंग ऑनलाइन कराते हैं और इसका पेमेंट भी डेबिट-क्रेडिट कार्ड या फिर नेटबैंकिंग के जरिए करते हैं तो फिर कैशबैक मिलेगा। इसके लिए आपको इन तीनों कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर के रिफिल की बुकिंग के साथ ही पेमेंट भी करना होगा। 

पेट्रोल-डीजल खरीदने पर भी मिल रहा है कैशबैक

डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल लेने पर 0.75 प्रतिशत का कैशबैक मिलेगा। यानि 1000 रुपये का तेल लेने पर 7.50 रुपये का फायदा होगा। कार्ड स्वाइप होने के 48 से 72 घटें के भीतर कैशबैक खाते में पहुंच जाएगा। इन पंपों पर नोटबंदी के एक सप्ताह बाद से लोगों ने प्लास्टिक मनी से पेट्रोल भरवाना शुरू कर दिया था। लेकिन दुपहिया चालक खुले पैसे देते थे।

कैशबैक ऑफर से प्लास्टिक मनी का प्रयोग बढ़ गया है। पेट्रोल पंप एसोसिएशन के महासचिव मनमोहन गुप्ता ने बताया कि कैशबैक ऑफर शुरू होने से पहले सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही डिजिटल तरीके से पेट्रोल का भुगतान करते थे।

लेकिन अब 95 प्रतिशत लोगों ने प्लास्टिक मनी का प्रयोग शुरू कर दिया है। पेटीएम से भुगतान में भी कमी आई है। पंपों पर 5 प्रतिशत से भी कम कैश भुगतान हो रहा था। 

122 फीसदी बढ़ा डिजिटल लेनदेन
बीते वर्ष आठ नवंबर को हुई नोटबंदी की घोषणा से कुछ दिनों तक लोगों को भले ही परेशानी हुई हो, लेकिन इसने भारत को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अन्य देशों के मुकाबले तीन वर्ष आगे पहुंचा दिया। यही नहीं, इस समय दुनिया भर में फिनटेक की स्वीकृति का सबसे अधिक दर भारत में है।

देश के सबसे बड़े बैंक, एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी ने भारत को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अन्य देशों के मुकाबले तीन वर्ष आगे पहुंचा दिया है। बजार में चल रहे विभिन्न प्रकार के प्रीपेड उपकरण जैसे मोबाइल वॉलेट, पीपीआई कार्ड, पेपर वाउचर और मोबाइल बैंकिंग में भी एक साल पहले के मुकाबले 122 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

 

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