चंदा कोचर के पीछे पड़ी एजेंसियों को जेटली की नसीहत- जांच करें, रोमांच न तलाशें

देश की जांच एजेंसियों को नसीहत देते हुए केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि एजेंसियों को जांच करने में सिर्फ महाभारत के अर्जुन की तरह निशाना मछली की आंख का साधना चाहिए. स्वास्थ्य कारणों से अवकाश पर चल रहे नरेन्द्र मोदी सरकार के वित्त मंत्री जेटली ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि जांच एजेंसियों को अपने काम में अधिक पेशेवर होने की जरूरत है.

अरुण जेटली ने यह बयान ICICI बैंक घोटाले में चल रही सीबीआई जांच के संदर्भ में दिया है. जेटली ने ICICI बैंक घोटाले में सीबीआई द्वारा इस हफ्ते देशभर में कई जगहों पर की गई छापेमारी की प्रतिक्रिया को तौर पर सीबीआई को नसीहत दी है. जेटली ने कहा कि जांच एजेंसी को साक्ष्यों के आधार पर सिर्फ ऐसे लोगों शिकंजा कसने की जरूरत है जो इस घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं.

खास बात है कि इस महीने अरुण जेटली अस्वस्थ होने के कारण अवकाश पर हैं और अमेरिका में अपना इलाज करा रहे हैं. वहीं केन्द्र सरकार को 1 फरवरी को अपना अंतरिम बजट पेश करना है और वित्त मंत्रालय का कार्यभार बुधवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल को सौंप दिया गया है. माना जा रहा है कि 1 फरवरी को संसद में मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी अंतरिम बजट स्पीच गोयल पढ़ सकते हैं.

वहीं गुरुवार को सीबीआई ने ICICI बैंक घोटाले मामले में पूर्व बैंक प्रमुख चंदा कोचर के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और पद के दुरुफयोग करते हुए वीडियोकॉन समूह को कर्ज देने का मामला दर्ज किया है.

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सीबीआई की दायर एफआईआर के मुताबिक चंदा कोचर पर अपने पति दीपक कोचर के प्रभाव में आकर वीडियोकॉन के एमडी वीएन धूत की कंपनी वीडियोकॉन इंटरनैशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये कर्ज देने का मामला है. इस मामले के साथ जांच के दायरे में चंदा कोचर पर बैंक की उन तमाम समितियों को प्रभावित करने का आरोप भी है जो बैंक में कर्ज देने का फैसला लेने का काम करती हैं.

ICICI बैंक घोटाले में सीबीआई ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर वीडियोकॉन के एमडी वीएन धूत के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने धूत की कई और कंपनियों को बैंक से मिले कर्ज को भी जांच के दायरे में रखा है. इसके साथ ही बैंक के कई अधिकारियों को जांच के घेरे में लेते हुए उनकी भूमिका की परख भी सीबीआई कर रही है.

गुरुवार के सीबीआई के इस कदम के बाद जेटली ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि जांच एजेंसी को यदि जांच को किसी निष्कर्ष तक पहुंचाना है तो उसे अपना काम पेशेवर तरीके से करने की जरूरत है. जेटली ने कहा कि आमतौर पर देश में जांच एजेंसियां दो तरह से काम करती है.

जेटली ने कहा कि एजेंसियों का पहला तरीका सुर्खी बटोरने वाला होता है और इसमें लोगों पर कीचड़ उछालने, बिना पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर जांच के पैमाने को इतना बढ़ा दिया जाता है कि उससे कोई नतीजा न निकले. ऐसी प्रक्रिया में आमतौर पर गुनहगार बच निकलता है और बेगुनाह लोगों की छवि बुरी तरह प्रभावित हो जाती है.

वहीं जांच करने का दूसरा तरीका पेशेवर है जहां सुबूतों को सहारे गुनहगार की दिशा में जांच की जाती है और जांच को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचा गुनहगार को सजा दिलाने का काम किया जाता है.

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