एक ही फार्मूले से तय होगा हर जिले का सर्किल रेट

सर्किल रेट तय करने की नई व्यवस्था लागू होने से निबंधन विभाग के कामकाज में पारदर्शिता आएगी। संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में आसानी होगी। स्टांप संबंधी वाद भी कम होंगे। श्रेणियों की संख्या घटने से भी संपत्तियों की खरीद-बिक्री और भू उपयोग में परिवर्तन कराना पहले से आसान होगा।
बरेली के उप निबंधक प्रथम रवि प्रकाश वर्मा ने बताया कि अभी कोई गाइडलाइन तो नहीं आई है, लेकिन नई व्यवस्था के तहत सभी जिलों में समान दरें होने से कामकाज में सहूलियत होगी। विकासशील एवं विकसित गांवों की जमीनों के सर्किल रेट अलग-अलग हैं।
नई व्यवस्था में विकासशील एवं विकसित गांवों की श्रेणी समाप्त हो जाएगी। प्रदेशभर में जमीन की दरों के मूल्यांकन में एकरूपता आएगी। सर्किल रेट निर्धारण में अभी ग्रामीण, नगरीय और अर्द्धनगरीय श्रेणियां हैं। आगे भी इनके जारी रहने की उम्मीद है।
नई व्यवस्था के तहत जमीन की चार श्रेणियां
उप निबंधक ने बताया कि कई बार लोग भूमि उपयोग में परिवर्तन कराने के लिए परेशान होते हैं। नई व्यवस्था के तहत जमीन की चार श्रेणियां (आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक और कृषि) होंगी। नई व्यवस्था में अर्द्ध व्यावसायिक जैसी श्रेणियां खत्म हो जाएंगी।
संपत्तियां खरीदते वक्त कई बार क्रेता को वास्तविक सर्किल रेट की जानकारी नहीं होती। सुनी-सुनाई बातों के आधार पर वह स्टांप लगाता है। ऐसे में कई बार वह स्टांप चोरी जैसे मामलों में फंस जाता है। ऐसे मामलों की सुनवाई में राजस्व अदालतों का भी काफी वक्त बर्बाद होता है। नई व्यवस्था लागू होने से स्टांप संबंधी वाद भी कम होंगे।
मांगा गया है फीडबैक
सहायक महानिरीक्षक निबंधन तेज सिंह यादव ने बताया कि अभी नई व्यवस्था लागू नहीं हुई है। केवल शासन स्तर पर प्रस्ताव आया है। इस पर फीडबैक भी मांगा गया है। इस साल का सर्किल रेट एक अगस्त से प्रभावी हो गया है। अब गाइडलाइन आने के बाद अगले साल नई व्यवस्था को ध्यान में रखकर सर्किल रेट तैयार किया जाएगा।
संपत्तियों में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी
बरेली जिले की महिलाएं एक करोड़ रुपये तक की संपत्तियों की खरीद पर स्टांप ड्यूटी में एक प्रतिशत छूट का जमकर लाभ उठा रहीं हैं। सदर तहसील के उप निबंधक प्रथम रवि प्रकाश वर्मा के मुताबिक, अगस्त, सितंबर व अक्तूबर में जिले में 14,366 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई हैं। इनमें 6,645 संपत्तियों के बैनामे महिलाओं के नाम हुए हैं। इस पर उन्होंने 10.85 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी की छूट पाई है।
पहले 10 लाख रुपये तक की संपत्तियों पर महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में एक फीसदी छूट मिल रही थी। 22 जुलाई 2025 को सरकार ने एक करोड़ रुपये तक की संपत्तियों की खरीद पर महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में एक फीसदी छूट देने का फैसला लिया था। इससे संपत्तियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। उनका सामाजिक सम्मान और वित्तीय स्वतंत्रता को भी बढ़ावा मिल रहा है।
सहायक महानिरीक्षक निबंधन ने बताया कि पहले 10 लाख रुपये तक की संपत्ति के बैनामों पर महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में एक फीसदी की छूट दी जा रही थी। अब सरकार एक करोड़ तक की संपत्तियों के बैनामे पर छूट दे रही है। इससे महिलाओं के नाम से बैनामों में काफी वृद्धि हुई है।





