एक ही छत के नीचे रहकर भी क्यों अलग-अलग सो रहे हैं कपल… क्या यही है हैप्पी मैरिड लाइफ का राज?

क्या आपने कभी सोचा है कि जिन कपल्स को हम मेड फॉर ईच अदर कहते हैं क्या वे रात में एक ही बिस्तर पर सोते हैं? दरअसल आज बहुत से कपल्स के बीच एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है- अलग-अलग कमरों में सोना। यह सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स रिश्ते के लिहाज से इसे एक हेल्दी स्टेप मानते हैं।

आजकल मेट्रो सिटीज में कई कपल्स के बीच एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है, अलग-अलग बेड या यहां तक कि अलग-अलग कमरों में सोना। जी हां, पहली नजर में यह अजीब लग सकता है (Why Couples Sleep In Separate Beds)। लोग सोचते हैं कि क्या इसका मतलब है कि रिश्ता कमजोर हो रहा है, लेकिन हकीकत इसके उलट भी हो सकती है। कई एक्सपर्ट मानते हैं कि यह प्रैक्टिस कपल्स की Happy Married Life का राज बन रही है। आइए, विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

नींद से जुड़ी है रिश्ते की क्वालिटी
रात में ठीक से नींद न आना केवल अगले दिन की थकान ही नहीं बढ़ाता, बल्कि रिश्तों में तनाव भी पैदा करता है। खर्राटे, बार-बार करवट बदलना, फोन स्क्रॉल करना या नींद में ज्यादा हिलना-डुलना, ये सब एक पार्टनर की नींद खराब कर देते हैं। लगातार ऐसा होने पर चिड़चिड़ापन बढ़ता है और झगड़े की वजह भी बन सकता है।

इसलिए कई कपल्स ने तय किया है कि सोना तो एक ही छत के नीचे है, लेकिन बेड अलग-अलग होंगे ताकि दोनों को पूरी नींद मिल सके।

स्लीप डिवोर्स’ का बढ़ रहा चलन
पश्चिमी देशों में इस ट्रेंड को मजाक-मजाक में ‘स्लीप डिवोर्स’ कहा जाने लगा है। इसका मतलब है कि पति-पत्नी केवल नींद के लिए अलग हो जाते हैं, लेकिन रिश्ता मजबूत ही रहता है। अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों में इस पर कई सर्वे हुए हैं। नतीजा यही आया कि जिन कपल्स ने अलग-अलग सोना शुरू किया, उनकी लड़ाई-झगड़े की स्थिति कम हो गई और रिश्ते में ताजगी बनी रही।

भारत में भी बदल रही है सोच
भारत जैसे समाज में जहां पति-पत्नी का एक ही बिस्तर पर सोना ‘नॉर्मल’ माना जाता है, वहां अब धीरे-धीरे कपल्स इस ट्रेंड को अपनाने लगे हैं। खासकर मेट्रो शहरों में जहां लोग लंबी जॉब शिफ्ट्स, तनाव और व्यस्त दिनचर्या से गुजरते हैं, वहां नींद की अहमियत को लोग पहले से ज्यादा समझने लगे हैं।

क्या हैं इसके फायदे?
बेहतर नींद: अलग सोने से दोनों को बिना किसी बाधा के साउंड स्लीप मिलती है।
झगड़ों में कमी: नींद पूरी होने से मूड बेहतर रहता है और छोटी-छोटी बातों पर झगड़े कम होते हैं।
स्पेस और प्राइवेसी: हर व्यक्ति को अपनी निजी जगह मिलती है, जिससे रिश्ते में और ताजगी आती है।
हेल्थ बेनिफिट्स: नींद पूरी होने पर इम्युनिटी मजबूत रहती है, मानसिक तनाव घटता है और शरीर रिलैक्स रहता है।

सावधानियां भी हैं जरूरी
अगर अलग-अलग सोना है तो दिनभर बातचीत और साथ बिताने का समय भी जरूरी है, वरना इमोशनल डिस्टेंस बढ़ सकता है।
बच्चों और परिवार को समझाने की जरूरत होती है, क्योंकि समाज में इसे अक्सर गलत नजर से देखा जाता है।
रिश्ते में प्यार और साथ का अहसास केवल सोने से नहीं, बल्कि दिनभर के व्यवहार से तय होता है।

असली खुशी का राज
आखिरकार, हैप्पी मैरिड लाइफ का राज यही है कि दोनों पार्टनर अपनी जरूरतों और कम्फर्ट का सम्मान करें। अगर अलग सोना दोनों के लिए सुविधा और शांति लाता है, तो इसमें किसी तरह की शर्म या झिझक की जरूरत नहीं। हो सकता है किसी रिश्ते के लिए साथ सोना रोमांस की निशानी हो, तो किसी और रिश्ते के लिए अलग सोना ही प्यार और समझदारी की मिसाल बन जाए।

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