एक हादसे के बाद क्रिकेटर बना ये लड़का, 135km की रफ्तार से फेंकता है गेंद

भरतपुर. वर्ष 2019 में लंदन में दिव्यांगों के लिए क्रिकेट का वर्ल्ड कप होगा। दिव्यांगों के वर्ल्ड कप में पहली बार भारतीय टीम शामिल होगी। इसके लिए जनवरी में मुंबई और बड़ौदा में ट्रेनिंग प्रारंभ होगी। इस ट्रेनिंग के लिए भरतपुर के अंकुश सिंह का चयन किया गया है। उनका वर्ल्ड कप की टीम में चयन भी लगभग तय है। वे वर्तमान में भारतीय टीम के उपकप्तान है।

– हालही में 14 नवंबर को मुंबई में सेलिब्रेटी क्रिकेट लीग खेलकर अंकुश भरतपुर लौटे है। सबसे ज्यादा चर्चा में है उनका बाएं हाथ से 135 से अधिक किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से गेंद फेंकना। अंकुश का दांया हाथ नहीं है। फिर भी वे अच्छे गेंदबाज और बल्लेबाज है।
– 24 वर्षीय अंकुश का सपना विश्व कप में भारत की मौजूदगी को दमदार तरीके से साबित करना है। इसके लिए वे सात से आठ घंटे तक प्रेक्टिस कर रहे हैं।

14 की उम्र में कट गया था हाथ

– कुम्हेर के छोटे से गांव से निकले अंकुश की कहानी बड़ी मार्मिक है। 14 साल पहले एक दुर्घटना में उनका हाथ कट गया था, इसके बाद भी उन्होंने क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा।
– ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े नगला करन सिंह निवासी अंकुश सिंह के क्रिकेट प्रेम से पिता अर्जुनसिंह लोधा नाराज थे।
– उनका जोर पढ़ाई और काम पर था। एक दिन पिता ने उनके लकड़ी के बल्ले को चूल्हे में जला दिया और डांट कर इंजन पर काम देखने का कहा। अंकुश बेमन से चले गए और दुर्योगवश उनका हाथ इंजन के पट्टे में गया। डॉक्टरों को दायां हाथ काटना पड़ा। अस्पताल में बेहोशी की हालात में भी क्रिकेट के लिए अंकुश को बड़बड़ाते देखा तो मां-बाप की आंखों में आंसू गए।
– स्वस्थ हुए तो मां-बाप ने बिना कहे बाजार से गेंद-बल्ला लाकर दिए, किंतु एक हाथ नहीं होने से अंकुश निराशा भरे भावों से साथियों को खेलते देखते थे।
– पिता अर्जुनसिंह ने मन स्थिति को समझा और क्रिकेट से अनजान होने के बाद भी बच्चे का हौंसला बढ़ाने के लिए उनके साथ खेलने लगे। अंकुश भी पूरे जज्बात और जोश के साथ क्रिकेट खेलने लगे तो जल्द ही उनकी बॉलिंग स्पीड 100 किलोमीटर प्रतिघंटा को क्राॅस कर गई।

2013 में बने कप्तान

– 2012 में राजस्थान की दिव्यांग टीम में अंकुश का चयन 243 खिलाड़ियों में से एक बार में ही हो गया। वर्ष 2013 में मुंबई टीम के कप्तान बने। और अब दिव्यांगों की इंडियन टीम के उपकप्तान हैं और दो साल बाद विश्व कप के लिए टीम में उनका चयन भी लगभग पक्का है। फिल्मी सितारे भारतीय टीम को प्रमोट कर रहे हैं।
– अंकुश सिंह कहते हैं कि मैंने कभी अपने आप को सामान्य जन से कमजोर नहीं समझा। इसलिए आज इस मुकाम पर हूं। इच्छा शक्ति के दम पर हर व्यक्ति आगे बढ़ सकता है।

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जीतेंगे दिव्यांग वर्ल्ड कप: अंकुश

अंकुश सिंह क्रिकेट में आलराउंडर हैं। अब वे 135 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड तक गेंद फेंक सकते हैं। साथ ही इनस्विंग शानदार है। इसके अलावा बैटिंग स्कोर भी 25 है। अंकुश आॅफ अपर तथा स्टेट शॉट शानदार लगाते हैं। इसे उन्होंने पिछले तीन साल में 22 मैचों में साबित किया है। वर्ष 2015 में हुए एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 37 रन और 4 विकेट लेकर मैन आफ मैच का खिताब पाया। श्रीलंका टीम के विरुद्ध 12 रन और 2 विकेट लिए। इसके अलावा वे पाकिस्तान, नेपाल और अफगानिस्तान टीम सहित करीब 15 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। हाल ही में 14 नवंबर को मुंबई में उन्होंने सेलिब्रेटी क्रिकेट लीग खेली। अंकुश का कहना है कि दिव्यांग वर्ल्ड कप जीतकर लाएंगे।

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