एक नहीं है मेडिकल टूरिज्म और वेलनेस टूरिज्म, यहां पढ़ें दोनों के बीच क्या अंतर होता है

क्या आप जानते हैं कि वेलनेस टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म क्या होता है? दरअसल ये दोनों नाम सुनने में काफी मिलते-जुलते लगते हैं इसलिए लोग इन्हें लेकर कई बार कन्फ्यूज हो जाते हैं। लेकिन असल में ये दोनों काफी अलग हैं। आइए जानें मेडिकल टूरिज्म और वेलनेस टूरिज्म में क्या अंतर (Medical Tourism Vs Wellness Tourism) है।
काम और पर्सनल लाइफ के तनाव से दूर होने के लिए आजकल कई लोग टूरिज्म का सहारा ले रहे हैं। खुद को रिलैक्स करने के लिए लोग किसी हिलस्टेशन या बीच पर जाते हैं, ताकि मानसिक शांति मिल सके। ऐसे में टूरिज्म इंडस्ट्री में मेडिकल टूरिज्म और वेलनेस टूरिज्म (Medical Tourism Vs Wellness Tourism) जैसे शब्द काफी सुनने को मिलते हैं।
हालांकि, पहली बार सुनने में दोनों का मतलब एक ही लग सकता है। लेकिन असल में इनके मतलब काफी अलग हैं। आइए जानें इन दोनों के बीच क्या अंतर है।
मेडिकल टूरिज्म क्या है?
मेडिकल टूरिज्म का मुख्य उद्देश्य किसी बीमारी या स्वास्थ्य समस्या का इलाज कराना है। इसमें कोई व्यक्ति इलाज करवाने के लिए किसी दूसरे देश में जाता है। अपने देश में दवाओं या इलाज की ज्यादा लागत, लंबी वेटिंग लिस्ट या बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट की तलाश में दूसरे देशों में जाते हैं।
इसमें कार्डियक बायपास, नी ट्रांसप्लांट, कैंसर का इलाज, डेंटल केयर, कॉस्मेटिक सर्जरी और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट जैसी जटिल प्रक्रियाएं शामिल हैं। इस पूरी यात्रा की प्लानिंग एक मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार होती है, जिसमें ऑपरेशन से पहले की तैयारी, अस्पताल में भर्ती होना, सर्जरी और फिर पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल शामिल होती है। यहां सफलता का पैमाना पूरी तरह से मेडिकल रिजल्ट, सुरक्षा और स्वच्छता है। इसमें ट्रैवल का मकसद बीमारी को ठीक करना होता है।
वेलनेस टूरिज्म क्या होता है?
दूसरी ओर, वेलनेस टूरिज्म का लक्ष्य बीमारी का इलाज कराना नहीं, बल्कि अपनी पर्सनल वेलबींग को सुधारना है। वेलनेस टूरिज्म स्ट्रेस-फ्री होकर, अपने शरीर और मन को रिजुविनेट करने के लिए ट्रैवल करते हैं।
इसमें योग और मेडिटेशन, आयुर्वेदिक डिटॉक्स प्रोग्राम, स्पा गेटअवे, नेचर में हाईकिंग, वेलनेस रिसॉर्ट्स में वर्कशॉप्स और माइंडफुलनेस ट्रेनिंग जैसे एक्सपीरिएंस शामिल हैं। इस ट्रैवल में फोकस आस-पास के वातावरण, पर्सनल ट्रांसफॉर्मेशन और रिलैक्शेसन पर होता है।
इसे आप यूं समझ सकते हैं कि मेडिकल टूरिज्म किसी स्वास्थ्य समस्या के इलाज के लिए होता है। वहीं वेलनेस टूरिज्म का मकसद माइंड को रिलैक्स करना है। दोनों ही स्वास्थ्य के देखभाल का एक अहम हिस्सा बन गए हैं, लेकिन दोनों का मकसद अलग-अलग है।
खर्च कितना होता है?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप जा कहां रहे हैं। जैसे भारत में अमेरिका और यूरोप की तुलना में कार्डियक बाईपास या नी रिप्लेसमेंट सर्जरी काफी ज्यादा सस्ते में हो सकती है। इसी तरह वेलनेस टूरिज्म का खर्च भी इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां जा रहे हैं और क्या एक्टिविटीज कर रहे हैं।