उमर अब्दुल्ला ने तुलबुल बैराज की वकालत की तो भड़कीं महबूबा, बोलीं-पानी को हथियार नहीं बनाएं

भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि निलंबित होने के बीच तुलबुल नौवहन बैराज परियोजना का काम फिर से शुरू करने के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आह्वान के बाद उनके और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बीच सोशल मीडिया पर तीखा वाकयुद्ध छिड़ गया। महबूबा ने तुलबुल परियोजना का विरोध करते हुए कहा कि पानी को हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए।

एक-दूसरे खिलाफ एक के बाद एक पोस्ट से बहस इस कदर तीखी हो गई कि उमर अब्दुल्ला को कहना पड़ा कि महबूबा इसको गटर की गंदगी तक ले जाना चाहती हैं, इसलिए वह इसे छोड़कर अपने अन्य जरूरी काम निपटाना बेहतर समझते हैं।

वाकयुद्ध की शुरुआत उमर की उस पोस्ट के बाद हुई जिसमें उन्होंने वुलर झील का एक वीडियो साझा करते हुए तुलबुल नौवहन परियोजना फिर शुरू करने की वकालत की थी।अब्दुल्ला ने अपनी पोस्ट में लिखा, यह उत्तरी कश्मीर में वुलर झील है।

वीडियो में आप जो निर्माण कार्य देख रहे हैं, वह तुलबुल नौवहन बैराज है। इसे 1980 के दशक के प्रारंभ में शुरू किया गया था, लेकिन सिंधु जल संधि के चलते पाकिस्तान के दबाव में इसे छोड़ना पड़ा था। अब जबकि सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, तो क्या हम इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे। महबूबा ने जवाब में अपनी पोस्ट में इसे गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक रूप से भड़काऊ बताया।

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