उदयपुर का रहस्यमयी शिवधाम: यहां नहर के नीचे गुफा में होते हैं स्वयंभू शिव के दर्शन

1960 के दशक में खोजे गए इस गुफा मंदिर से जुड़ी अनेक रहस्यमयी मान्यताएं हैं। शिवलिंग एक गहराई में स्थित गुफा में विराजमान है और इसके पीछे एक और गुफा है, जिसका अंत आज तक ज्ञात नहीं है। मान्यता है कि यह गुफा पाताल लोक तक जाती है।

सावन का पवित्र महीना चल रहा है और शिवभक्ति में डूबे श्रद्धालु देशभर के शिवधामों का रुख कर रहे हैं। आज आपको ले चलते हैं राजस्थान के उदयपुर जिले के एक ऐसे रहस्यमयी शिव मंदिर में जहां एक गुफा में महादेव विराजे हैं। मान्यता है कि यहां स्वयं भगवान शिव पातालेश्वर रूप में प्रकट हुए थे।अरावली की वादियों के बसे उदयपुर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर बड़गांव क्षेत्र की पहाड़ियों के बीच स्थित है ‘पातालेश्वर महादेव’ मंदिर। यह कोई आम शिव मंदिर नहीं है, बल्कि एक ऐसी गुफा में विराजमान है, जिसे लेकर रहस्यमयी मान्यताएं और अद्भुत घटनाएं जुड़ी हैं।

मंदिर के पुजारी पंडित खेमराज गमेती बताते हैं कि यह स्थान 1960 के आसपास चर्चा में आया। मंदिर के पीछे एक कमरे के निर्माण के दौरान खुदाई में करीब तीन फीट चौड़ी एक गुफा सामने आई। उसी रात पुजारी को स्वप्न में संकेत मिला कि इस गुफा में कोई खजाना छुपा है। उन्होंने अपने मित्रों के साथ गुफा में प्रवेश किया और मलबे के बीच एक चट्टान जैसी आकृति दिखी। पास जाकर देखने पर तो एक शिवलिंग था।

यह कोई साधारण शिवलिंग नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक बन गया। और तभी से इस स्थान को “पातालेश्वर महादेव” कहा जाने लगा। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह गुफा के अंदर स्थित है और शिवलिंग गहराई में विराजमान हैं। गुफा के ऊपर से बहती है मदार नहर, जिसका पानी आगे जाकर फतेहसागर झील में मिलता है। पहले के समय में बारिश का पानी गुफा में भर जाता था और श्रद्धालुओं को जल में उतरकर दर्शन करने होते थे, लेकिन अब प्रशासन और मंदिर समिति ने सीढ़ियां और रेलिंग बनवा दी हैं, जिससे भक्त आसानी से भगवान तक पहुंच पाते हैं।

शिवलिंग के ठीक पीछे एक और गहरी गुफा है, जिसका अंतिम छोर आज तक कोई नहीं जान पाया। यह रहस्य श्रद्धालुओं की आस्था को और भी गहरा करता है। मान्यता है कि यह गुफा पाताल लोक तक जाती है और इसलिए भगवान को पातालेश्वर कहा जाता है।

सावन के महीने में यहां का वातावरण भक्ति और अध्यात्म से सराबोर हो जाता है। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं, भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। अपने जीवन की मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। यह मंदिर न सिर्फ शिवभक्तों के लिए एक तीर्थस्थल है, बल्कि यह हमारी आस्था, परंपरा और रहस्यमयी लोककथाओं का भी अद्भुत संगम है। इस सावन, अगर आप उदयपुर आ रहे हैं, तो एक बार पातालेश्वर महादेव के दर्शन जरूर कर सकते हैं। सावन की पावन बेला में पातालगुफा में विराजित यह शिवधाम सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था का जीवंत चमत्कार है।

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