उत्तराखंड में कहर बनाकर टूटी बारिश, चार जिंदा दफन

उत्तराखंड में मौसम फिर कहर बनकर टूटा। उत्तरकाशी में बड़े पैमाने में नुकसान की खबर है। अभी तक तीन लोगों के मलबे में दफन होने की सूचना है। वहीं, एक बच्चा के नाले में बह गया। लगातार बारिश के चलते चारधाम यात्रा मार्ग के बंद होने और खोलने का सिलसिला भी जारी है। ऐहिताहत के तौर पर केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। 

उत्तरकाशी जनपद के आराकोड और मकौड़ी गांव में भारिश बारिश के दौरान बरसाती नाले उफान पर आ गए। साथ ही भूस्खलन की चपेट में आने से आसपास के करीब आधा दर्जन गांव के लोग जंगल की ओर सुरक्षित स्थानों की तरफ रुख कर गए। गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटने के कारण दोपहर तक इन गावों में राहत दल नहीं पहुंच पाया। 

उत्तरकाशी जनपद के आराकोट में बारिश के दौरान नालों के उफान में एक बच्चा बह गया। वहीं, एक मकान के ध्वस्त होने से मलबे में एक महिला और बच्ची के दबने की सूचना है। मकौड़ी गांव में भी एक महिला के मलबे में दबने की सूचना है।  बादल फटने से नाले उफान में आने के चलते पैदल रास्‍ते, पुलिया बह गए। साथ ही दो दर्जन से ज्‍यादा मकानों में मलबा घुस गया। 

मची भारी तबाही 

उत्तरकाशी में मोरी के ग्राम पंचायत आराकोट टिकोची, मोल्डी, मौंडा खकवाड़ी, चिवां, गोकुल, माकुड़ी में भारी नुकसान हुआ। टिकोची बाजार में बादल फटने से पूरा बाजार टिकोची भूस्खलन की चपेट में आ गया। वहां पर खड़ी गाड़ियां भी पानी में बह गई। करीब सात गाड़ियां भूस्खलन के कारण मलबे में दब गई हैं। साथ ही स्कूल भी बह चुका है। पूरा मार्केट भूस्खलन की चपेट में आ गया है। सेव की फसल नष्ट 

बारिश और भूस्खलन के चलते क्षेत्र में  सेब की फसल भी नष्ट हो गई हैं। कुछ लोग घायल भी हुए हैं तथा वहां पर मेन पुल भी बह गया है। सेब की फसल भी पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। 

लोग बाजार, गांव छोड़कर पहाड़ की ओर जा रहे हैं तथा प्रशासन का कोई भी व्यक्ति वहां पर मदद के लिए नहीं पहुंचा। इस दौरान पहाड़ पर जाते वक्त कई लोगों को चोटें भी लगी है। ब लोग अपना घर छोड़कर पहाड़ की ओर चले गए। आराकोट क्षेत्र में 10 से अधिक पुलिया बहने की सूचना है। साथ ही उत्तरकाशी जनपद के 25 से अधिक संपर्क मार्ग भूस्खलन से अवरुद्ध हैं। 

भूस्खलन से बढ़ी दुश्वारियां 

उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन के चलते दुश्वारियां का दौर जारी है। चमोली जिले के पैनी और सेलंग इलाके में बरसाती नाले के उफान में पांच दुकानें ध्वस्त हो गईं, जबकि बदरीनाथ हाईवे दस मीटर बह गया। वहीं, चारधाम यात्रा मार्ग भी बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं। सुरक्षा के मुद्देनजर प्रशासन ने केदारनाथ पैदल यात्रा रोक दी है। पिथौरागढ़ के गणाईगंगोली में एक मकान ध्वस्त हो गया, उसमें रह रहा परिवार बाल-बाल बचा। 

चारधाम यात्रा मार्ग अवरुद्ध 

शनिवार से लेकर लगातार बारिश का दौर रविवार को भी जारी है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं के अधिकांश जिलों में रिमझिम बारिश हो रही है। इससे सड़कें बंद होने और उन्हें खोलने का सिलसिला जारी है। पौड़ी-श्रीनगर मुख्य मार्ग मल्ली के निकट मलबा आने से बंद हो गया। इस तरह रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे बांसवाड़ा, डोलिया देवी, जामू नर्सरी के निकट फिर से बंद हो गया। बाद में डोलिया देवी व जामू नर्सरी के निकट सड़क खोल दी गई। रात भर से हो रही बारिश के चलते गंगोत्री हाईवे बड़ेथी चुंगी और हर्षिल के निकट अवरुद्ध है। यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास भूस्खलन से बंद है। बदरीनाथ हाईवे लामबगड़,  टंगणी में बंद है। साथ ही चमोली जिले के 19 संपर्क मार्ग भी अवरुद्ध हैं।

केदारनाथ पैदल यात्रा रोकी

केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बारिश के दृष्टिगत प्रशासन ने पैदल यात्रा को रोक दिया गया है। मौसम ठीक होने पर ही यात्रा को सुचारु किया जाएगा।  इस समय केदारनाथ धाम, लिनचोली, भीमबली यात्रा पडाव में लगभग 350 यात्री रुके हुए हैं। गौरीकुंड हाइवे बासवाड़ा में अवरूद्ध है। 

भूस्खलन से आधा दर्जन मकानों को खतरा 

उत्तरकाशी में बारिश ने भारी कोहराम मचा रखा है। आराकोट से लगे डगोली गांव में दोनों तरफ नाले उफान पर हैं। गांव के नीचे से भारी मात्रा में भूधसाव  होने से तकरबीन आधा दर्जन मकान  खतरे की जद में आ गए। इससे गांव में अफरातफरी जैसा माहौल बना हुआ है। 

निवर्तमान ग्राम प्रधान शशि नौटियाल ने बताया कि मध्य रात्रि करीब तीन बजे गांव के दोनों नालो में बहुत पानी बढ़ा और तेज मूसलाधार बारिश से देखते ही देखते गांव की सड़कें नदी में तब्दील हो गईं। सड़क बह गई और आसपास के घरों में  मलबा भर गया। तबाही की इस बारिश से गांव का संपर्क जिले से कट गया है।

सड़क बहने से फंसे रहे पर्यटक  

उत्तरकाशी जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण हर्षिल के निकट तिलगाड़ नाले में उफान में आर्मी कैंप और हर्षिल हैलीपैड के बीच गंगोत्री हाईवे करीब 20 मीटर हाईवे बह गया है। 100 मीटर क्षेत्र में हाईवे पर मलबा फैल गया। हाईवे के बंद होने से गंगोत्री और धराली में 150 पर्यटक व उनके वाहन फंसे रहे। देर रात पर्यटकों को निकाल लिया गया। 

हाईवे बहने से गंगोत्री धाम सहित भारत-चीन सीमा का संपर्क भी कट गया है। गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए यात्री हर्षिल से ही लौट आए। यहां पर हाईवे सुचारु करने के लिए बीआरओ के अधिकारी सहित 30 कर्मचारी मौजूद हैं। लेकिन, हर्षिल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण हाईवे को सुचारु करने में बाधा खड़ी हो रही है। तिलगाड़ नाले के उफान से आर्मी कैंप और हैलीपैड को भी खतरा बना हुआ है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि जो पर्यटक व यात्री वहां फंसे हुए हैं उन्हें निकाला जा चुका है। 

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