उत्तराखंड: टीपीएस गुजरात, महाराष्ट्र की तर्ज पर बिना बजट बसेंगे नए शहर

उत्तराखंड में शहरों पर लगातार बढ़ रहे जनसंख्या दबाव के बीच अब सरकार के लिए नए शहर बसाने की राह आसान होगी। गुजरात, महाराष्ट्र की तर्ज पर यहां शून्य बजट पर नए शहर विकसित हो सकेंगे। इसके लिए धामी कैबिनेट ने बुधवार को उत्तराखंड टाउन प्लानिंग स्कीम (क्रियान्वयन) नियम 2025 को मंजूरी दे दी।

गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपीएस) को अपनाने से शहरीकरण में सफलता मिली है। गुजरात में अहमदाबाद और सूरत की 90–95 प्रतिशत शहरी जमीन इसी योजना के तहत विकसित हुई है। टीपीएस शहरीकरण से विनिर्माण, निर्माण और रियल इस्टेट सेक्टर में बड़ा सहारा मिला, जो 35 प्रतिशत से अधिक जीएसडीपी में योगदान करते हैं। महाराष्ट्र में नैना और पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन भी इसी योजना के तहत विकसित किया गया है। राजस्थान व कर्नाटक भी नियंत्रित शहरी विस्तार के लिए इस योजना को लागू कर रहे हैं। महाराष्ट्र में टीपीएस मॉडल से रियल इस्टेट व निर्माण क्षेत्र में औपचारिक रोजगार पैदा हुए।

भूमि अधिग्रहण जबरन नहीं होगा

इस योजना के तहत सड़कें, जल निकासी, बिजली, पार्क व सामाजिक सुविधाएं एकीकृत रूप से विकसित होंगी, वह भी बिना जबरन भूमि अधिग्रहण के। सरकार कम लागत में योजनाबद्ध शहर व सैटेलाइट टाउन विकसित कर सकेगी। यह शून्य-बजट मॉडल है, जिसमें राज्य सरकार पर प्रत्यक्ष वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। सार्वजनिक उपयोग के लिए जमीन समान रूप से ली जा सकेगी। सड़क, पानी, बिजली, सीवरेज और सामाजिक सुविधाएं मिलेंगी। बेटरमेंट चार्ज के जरिये लागत की वसूली होगी। स्वैच्छिक व सहभागी मॉडल होगा, जिसमें जनसुनवाई और हितधारकों की भागीदारी होगी। प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवाद कम होंगे। आवास, व्यापार और उद्योग के लिए शहरी भूमि मिल सकेगी।

ये होंगे टीपीएस के तहत टाउनशिप के नियम

पहला चरण : विकास प्राधिकरण या भूमि-मालिक टीपीएस क्षेत्र की पहचान करेंगे। टीपीएस तैयार करने का इरादा घोषित होगा। टाउन प्लानिंग ऑफिसर की नियुक्ति होगी। सार्वजनिक सुझाव लिए जाएंगे। ड्राफ्ट टीपीएस तैयार किया जाएगा।

दूसरा चरण : ड्राफ्ट टीपीएस प्रकाशित कर आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। प्राधिकरण की ओर से ड्राफ्ट टीपीएस की स्वीकृति दी जाएगी। टाउन प्लानिंग ऑफिसर की ओर से फिजिकल और फाइनेंशियल टीपीएस तैयार किया जाएगा। हाई-पावर्ड कमेटी से अंतिम स्वीकृति मिलेगी। अंतिम फिजिकल व फाइनेंशियल टीपीएस की अधिसूचना प्रकाशित होगी।

अंतिम चरण : भूमि-मालिकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड और सर्टिफिकेट ऑफ ऑनरशिप जारी की जाएगी। पुनर्गठित प्लॉट का कब्जा सौंपा जाएगा। कन्वेंस डीड जारी कर भूमि रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए राजस्व विभाग और नगर निकाय को भेजना। अंतिम टीपीएस लागू किया जाएगा।

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