‘उड़ता पंजाब’ के नाम पर पंजाब की राजनीति में घमासान
वहीं, CBFC के सदस्य अशोक पंडित खुद अपने टीम के सदस्यों के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। पंडित इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरनाक हमला बता रहे हैं। वहीं आप और कांग्रेस ने भी सेसंरशिप के दुरुपयोग का आरोप सरकार पर लगाया। पंजाब में 2017 में विधानसभा चुनाव हैं और राजनीतिक पार्टियों के बीच ड्रग्स बहुत संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। फिल्म का प्रभाव चुनाव पर पड़ने को लेकर राजनीतिक पार्टियां दो धुरों में बंटी हुई हैं।
मुंबई में फिल्म के प्रड्यूसर अनुराग कश्यप ने कहा, ‘कोई भी फिल्म निर्माता अपनी फिल्म में काट-छांट नहीं चाहता है। अगर फिल्म में छोटे-छोटे कई बदलाव किए जाएंगे तो यह कलात्मकता का कत्ल-ए-आम है।’
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप बाजवा ने कहा, ‘अकाली दल को पता है कि फिल्म में कई बड़े सितारे जैसे शाहिद कपूर, करीना कपूर, आलिया भट्ट हैं। पहले अकाली दल वालों ने विनम्रता से सेंसरशिप का इस्तेमाल कर फिल्म निर्माताओं पर स्क्रिप्ट में कुछ हिस्से बदलने के लिए दबाव डाला और उसके बाद अब यह… हम इस मामले को संसद में उठाएंगे।’
अकाली दल का कहना है, ‘अगर फिल्म पंजाबियों के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाती है तो हम पंजाब में मूवी स्क्रीनिंग का स्वागत करते हैं।’ विधायक विरसा सिंह वलतोहा ने अमृतसर से कहा, ‘फिल्मों को लेकर फैसला करने का अधिकार हमारा नहीं है। हम किसी भी फिल्म का तब तक स्वागत कर सकते हैं जब तक कि वह किसी समुदाय विशेष या पार्टी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाती हो।’
वहीं इल पूरे प्रकरण पर पंडित का कहना है, ‘हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। हम पहले फिल्म सर्टिफिकेट अपील ट्रिब्यूनल (FCAT) के पास जाएंगे। अगर वहां भी बात नहीं बनी तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता इसके पीछे कोई राजनीतिक दबाव है या नहीं। मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि रिव्यू कमिटी का रवैया बहुत अलोकतांत्रिक है। इससे पहले भी तो बॉम्बे और मिशन कश्मीर जैसी फिल्में बनी हैं। किसी को तो इस तरह के शोषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले के खिलाफ आवाज उठानी होगी।’
अभिनेत्री और आप नेता गुल पनाग ने कहा, ‘यह दुखद है कि CBFC ऐसी चीजों पर भी प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रही है जो पहले से ही जनता के बीच है।’ गुल ने यह भी कहा, ‘रचनात्मक स्वतंत्रता और खास तौर पर अगर यह किसी सामाजिक समस्या की बात कर रही हो तो उस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।’