ई-मेल के जरिये नोटिस भेजेगा आयकर विभाग

करदाताओं के लिए एक अच्छी खबर है। आयकर विभाग ने निर्णय किया है कि वह ई-मेल के जरिये नोटिस जारी करने के लिए एक नई प्रणाली लांच करेगा जिसका जवाब आयकर दाता इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दे सकता है।
इससे कर अधिकारियों से मिलने की जरूरत समाप्त हो जाएगी, जिनके बारे में अक्सर ऐसी शिकायत आती थी वे लोगों को परेशान करते हैं। आयकर विभाग की शीर्ष नीति-निर्माता इकाई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) इस संदर्भ में जरूरी प्रक्रियाओं और क्षमताओं के निर्माण की नीति पर काम कर रहा है।
सीबीडीटी की अध्यक्ष अनीता कपूर ने कहा, ‘हम सोच रहे हैं कि करदाताओं के जीवन को आसान कैसे बनाया जाए खास तौर से मध्यम और कुछ उच्च कर वर्ग में आने वाले करदाताओं के लिए प्रक्रिया किस प्रकार सरल बनाई जाए। इसलिए, अब हम सोच रहे हैं कि असेसमेंट या तहकीकात संबंधी मामलों में जब नोटिस भेजा जाए तो करदाता विभाग को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जवाब दे सके, इसकी अनुमति दे दी जाए।
अभी हम सुरक्षा संबंधी कुछ मामलों को सुलझाने का काम कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के बाद ई-मेल के जरिये नोटिस का जवाब देने की सुविधा दे दी जाएगी।’
इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों को रिफंड के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। अब उनके खातों में महज सात से 10 दिन के भीतर रिफंड आ जाएगा।
दरअसल आयकर विभाग के आईटीआर को आधार तथा दूसरे बैंक डाटाबेस से सत्यापित कराने की नई पहल बेहद कारगर रही है। सबसे बड़ी बात है कि लोगों ने भी इस कवायद को हाथों हाथ लिया है।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह बीते दिनों की बात हो गई, जब आयकर रिफंड में महीनों और कई मामलों में तो कुछ साल भी लग जाते थे।
नया इलेक्ट्रॉनिक सत्यापित ई-फाइलिंग सिस्टम उपभोक्ताओं के हित में साबित हुआ है। इसकी वजह से 2015-16 के आईटीआर को जांचने और दूसरी प्रक्रिया में बेहद कम समय लग रहा है।