ईको फॉन सोसायटी ने पहलगाम हमले के खिलाफ उठाई आवाज

ईको फॉन सोसाइटी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की 59वीं बैठक में एक वीडियो हस्तक्षेप के दौरान 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर विश्व का ध्यान आकर्षित किया। अंतरराष्ट्रीय एकजुटता पर स्वतंत्र विशेषज्ञ के साथ संवादात्मक संवाद में सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेट्टू साई संपत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ तत्काल अंतरराष्ट्रीय निंदा और सहयोगात्मक कार्रवाई की मांग की।

ईको फॉन सोसाइटी के अनुसार, संपत ने जोर देकर कहा कि पहलगाम नरसंहार में 26 निर्दोष भारतीय नागरिक मारे गए थे। यह युद्ध या अलगाववादी संघर्ष नहीं था, लेकिन मासूम लोगों को निर्ममता से मार डाला गया। उन्होंने इसे शांतिपूर्ण नागरिकों के खिलाफ जानबूझकर किया गया आतंकी हमला बताया। पीड़ित कोई लड़ाके नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण यात्रा पर निकले नागरिक थे। जीवन का अधिकार, स्वतंत्र आवागमन और मानवीय गरिमा पर सबसे बर्बर तरीके से हमला किया गया। पर्यावरण व मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली ईको फॉन सोसाइटी ने यूएनएचआरसी मंच का इस्तेमाल न केवल नुकसान पर शोक व्यक्त करने, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दृढ़ संकल्प के साथ कार्रवाई करने का आग्रह करने के लिए किया।

संभली ट्रस्ट ने वैश्विक एकजुटता की अपील की
बैठक में संभली ट्रस्ट ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल के आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। संभली ट्रस्ट के अनुसार, प्रतिनिधि हंसराज सिंह सिंह ने बढ़ते संघर्ष, भेदभाव और असमानता से विभाजित विश्व में वैश्विक एकजुटता की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद से लड़ने व मानवाधिकारों को सार्वभौमिक रूप से बनाए रखने के लिए एकजुट अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया। हंसराज ने भारत की शांति, सहिष्णुता व सार्वभौमिक भाईचारे के प्रति अटल प्रतिबद्धता को उजागर किया।

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