इस बॉलीवुड एक्ट्रेस, ने हिंदू संगठनों के विरोध से डरकर छोड़ी फिल्म

फिल्मी गलियारों में यह खबर पहले से थी कि एक्ट्रेस विद्या बालन विवादित कवियत्री कमला दास पर बनने वाली बायोपिक में काम करने वाली थीं। मगर अब खबर है कि वो इस फिल्म से बाहर हो गई हैं। डायरेक्टर का मानना है कि विद्या ने ऐसा कदम हिंदू ब्रिगेड के विरोध से बचने के लिए किया है।दास की मृत्यु साल 2009 में हुई थी। अपने जीवन के अंतिम समय में उन्होंने इस्लाम अपनाकर अपना नाम कमला सुरैया कर लिया था। लोकल मीडिया में हिंदू संगठन सहित शिवसेना भी इस बात का विरोध कर रही थी कि विद्या बालन को ऐसा रोल नहीं करना चाहिए। डायरेक्टर कमालुद्दीन मुहम्मद जिन्हें कमाल के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, ‘पहले विद्या बालन इस रोल को करने के लिए रोमांचित थी। कमला के बेबाक लेखन से प्रभावित भी थीं। मगर बाद में उन्होंने फिल्म का शूटिंग शेड्यूल बदलवा दिया। फिल्म के टाइटल से भी वो असंतुष्ट दिखीं।’

कमाल ने बताया, ‘एक बार एक्ट्रेस के मैनेजर से भी संपर्क किया गया तो शूटिंग की डेट्स आगे बढ़ा दी गई। इसका कारण केरल में चल रही फिल्म स्ट्राइक थी। मगर बाद में बालन के अधिकृत प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि कर दी कि वो फिल्म छोड़ रही हैं। इसका कारण डायरेक्टर और उनकी फिल्म को लेकर अलग-अलग सोच थी।’

सूत्र ने बताया. ‘बालन के मन में डायरेक्टर के प्रति पूरा सम्मान है। वो इस फिल्म से बेहद प्रोफेशनल ढंग से अलग हुई हैं। ऐसे में किसी और कारण की बात करना गलत है।’ हालांकि कमाल ने संकेत दिया कि हो सकता है कि विद्या बालन के फिल्म से अलग होने का कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हो सकता है। नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्ममेकर कमाल दिसंबर में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ केरल को लेकर चर्चा में आए थे। यहां उन्होंने ऐसे दर्शकों का समर्थन किया जो राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े नहीं हुए थे। इस बात का आरएसएस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था।

बीजेपी के स्टेट सेक्रेटरी एएन राधाकृष्णन ने कमाल से कहा था, ‘यदि वो राष्ट्रगान का अपमान करते हैं तो उन्हें यह देश छोड़ देना चाहिए।’ कमाल ने कहा, ‘मेरे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है। मगर यदि आप इन बातों को ध्यान में रखे तो कोई ऐसा नहीं होने का दावा भी नहीं कर सकता है। जहां तक सवाल विद्या बालन के चयन का है तो यह बिल्कुल सामान्य सी बात थी। वो केरल से ताल्लुक रखती हैं। उनके पैरेन्ट्स पलक्कड़ से हैं।’

 

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