इस देश के लिए बेहद खास है 2 जनवरी, सारे मुसलमानों का एकसाथ हुआ था धर्मपरिवर्तन
आज के दिन यानि 02 जनवरी 1492 को स्पेन के सबसे ताकतवर मुस्लिम साम्राज्य ग्रेनाडा शासन का अंत हो गया। 500 से ज्यादा चर्च से मस्जिद बनीं इमारतों को फिर चर्च बनाया गया। साथ ही साम्राज्य के सारे मुसलमानों का धर्म बदलकर उन्हें ईसाई बना दिया गया। आखिरी बादशाह अपनी इस हार पर जार-जार रोता रहा।
दो जनवरी 1492 को स्पेन में अंतिम मुसलमान शासकों के ग्रेनाडा साम्राज्य का अंत हो गया था। पूरे देश में फिर से ईसाई शासकों का शासन स्थापित हुआ था।
इसी दिन किंग फेर्डिनांड पंचम और रानी ईसाबेला प्रथम की ईसाई सेनाओं के सामने ग्रेनाडा के मूर शासकों ने घुटने टेक दिए थे। ग्रेनाडा के हाथ से निकलने के साथ ही स्पेन में मुसलमान मूर शाहों का साम्राज्य खत्म हो गया।दक्षिणी स्पेन में दारो और गेनिल नदियों के संगम पर बसा ग्रेनाडा शहर मूर शासकों का गढ़ था।
11वीं शताब्दी में सुल्तान आल्मोराविद के शासनकाल में ग्रेनाडा शक्ति और प्रभाव के मामले में चरम पर था। 1238 में स्पेन के कई हिस्सों पर ईसाई सेनाओं ने मूर शासकों को हराते हुए वहां कब्जा करने का सिलसिला शुरू किया।
इस कारण देश के बाकी हिस्सों से ज्यादातर मुसलमान दक्षिणी स्पेन के ग्रेनाडा के इलाकों में बसने लगे। धीरे धीरे ग्रेनाडा का साम्राज्य मूरिश सभ्यता का इकलौता सबसे बड़ा गढ़ बन गया। यहां बड़े पैमाने पर मुसलमान रहते थे। इस राज्य को काफी ताकतवर माना जाता था।फिर हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो गया मुस्लिम मूर साम्राज्य
इन दो सौ सालों की अवधि में ग्रेनाडा का खूब सांस्कृतिक और आर्थिक विकास हुआ। 15वीं शताब्दी के आखिर में स्पेन में ईसाई राजा फेर्डिनांड और ईसाबेला की राजशाही काफी ताकतवर बन कर उभरी। उन्होंने इस मुस्लिम साम्राज्य का हमेशा हमेशा के लिए खात्मा कर दिया। उसके बाद से फिर कभी स्पेन में मुस्लिम शासन नहीं रहा।
2 जनवरी 1492 को ग्रेनाडा के अंतिम मूर शासक राजा बोआब्दिल ने उसे स्पेनी सेनाओं को सौंप दिया। इसके बाद 1502 में स्पेनी शासन ने सभी मुसलमानों को जबरदस्ती ईसाई बनाने का आदेश दे दिया। हालांकि बहुत से मूर वंश के लोगों ने इस्लाम धर्म नहीं छोड़ा, ऐसे लोगों को स्पेन से देश निकाला दे दिया गया।
ग्रेनाडा का आखिरी बादशाह “अबू-अब्दुल्लाह” पहाड़ी पे बने अपने क़िले पर खड़ा बच्चों की तरह रो रहा था , उसकी नज़रें पहाड़ी से नीचे अलह़मरा शहर की तरफ थीं। बादशाहत के दौरान उसने इतनी ग़लतियां की थीं कि उसकी सल्तनत का सूर्यास्त होने वाला था।