‘राबता’ फिल्‍म रिव्‍यू: अधूरे प्‍यार की पुरानी कहानी, लेकिन सुशांत-कृति का अभिनय और एक्‍शन है दमदार

नई दिल्‍ली: सुशांत सिंह राजपूत और कृति सेनन स्‍टारर ‘राबता’ शुक्रवार को रिलीज हुई है और अभी तक कई फिल्‍में प्रोड्यूज कर चुके दिनेश विजान इस फिल्‍म से निर्देशन में अपना खाता खोल रहे हैं. इस फिल्‍म में सुशां‍त सिहं राजपूत और कृति सेनन की फ्रेश जोड़ी के अलावा जिम सरब, वरुण और राजकुमार राव जैसे कलाकार भी नजर आने वाले हैं. फिल्‍म की कहानी की बात करें तो इसमें  शिव (सुशांत सिंह राजपूत) जो की एक बैंकर है, नौकरी के लिए अमृतसर से बुडापेस्‍ट जाता है. यहां उसकी मुलाकात सारा (कृति सेनन) से होती है, जो की वहीं पर चोकलेट की दुकान चलाती है और पहेली बार में ही दोनों को लगता है की दोनों में कोई न कोई कनेक्‍शन है और उन्‍हें  मोहब्बत हो जाती है.'राबता' फिल्‍म रिव्‍यू: अधूरे प्‍यार की पुरानी कहानी, लेकिन सुशांत-कृति का अभिनय और एक्‍शन है दमदारदोनों शादी करने का फैसला करते हैं, लेकिन फिर शिव को काम से बाहर जाना पड़ता है और जब वो वापस आता है तो सारा उसकी दुनिया से जा चुकी होती है. इन दोनों के इश्क के बीच आ जाता है एक शख्‍स और यह सब जुड़ा है उनके पिछले जन्‍म की अधूरी दास्‍तान से, जिसे जानन के लिए आपको सिनेमाघरों तक जाना होगा.फिल्‍म की कुछ कमजोरियों और इसकी कुछ खूबियों पर नजर डालने की शुरुआत करें तो सबसे पहले इसकी कुछ कमियां. फिल्‍म की पहली कमी हैं कि इसकी कहानी में कोई नयापन नहीं है. इंटरवेल से पहले की फिल्‍म खालिस मोमेंट्स के जरिए आगे बढ़ती है और इंटरवेल के बाद जो कहानी है उसकी पृष्ठभूमि आपको उतनी सच्‍ची नहीं लगती. फिल्‍म के पहले हिस्से में किरदारों के और उनकी लव स्टोरी के साथ जो जुड़ाव आप महसूस करते हैं वो उनकी पिछले जन्म की इश्क की कहानी से नहीं हो पाता जबकि उसमें ये ज्‍यादा जरूरी था, क्योंकि इसी अटूट प्यार के लिए वो दोबारा दुनिया में आए. मध्यांतर के बाद फिल्म थोड़ी सी खिंचती हुई सी लगती है. जिम सरभ का अभिनय मुझे थोड़ा फीका लगा वो हिंदी के डायलॉग्‍ज के साथ संघर्ष करते नजर आते हैं.

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इस फिल्‍म की पहली खूबी है इसके एक्‍टर सुशांत और कृति, जिनकी केमिस्ट्री और अदाकारी फिल्म की कमजोर कहानी को भी दबा देती है. जैसा मैंने बताया की फिल्‍म मोमेंट्स के जरिए आगे बढ़ती है पर ये मोमेंट्स निर्देशक दिनेश विजन ने बखूबी गढ़े हैं. अक्सर मोमेंट्स के सहारे चलती फिल्में बोरिंग हो जाती हैं पर यहां ऐसा नहीं होता. फिल्‍म की स्क्रिप्ट और उसके डायलॉग्‍स अच्छे हैं, खासतौर पर इसके वन लाइनर्स जैसे उसे कंगला नहीं बंगला चाहिये. ‘राबता’ का फिल्‍मांकन एक विजूअल ट्रीट है. यह फिल्‍म विजूअली काफी खूबसूरत दिखती है.

फिल्‍म का बैकग्राउंड म्‍यूजिक और गाने दोनों ही प्रभावशाली हैं. वरुण शर्मा फिल्‍म में हंसाने में कामयाब होते हैं तो वहीं सुशांत का अभिनय सहज और दमदार है. सुशांत को अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल बखूबी करना आता है, जिसे वो अपने किरदार पर हावी नहीं होने देते. साथ ही कृति के हाव-भाव, अभिनय और डायलॉग डिलेव्री आपको अहसास नहीं करने देती की वो अभी-अभी अभिनय के मैदान में आयीं है. कुल मिलाकर मुझे लगता है कि डायरेक्‍टर दिनेश विजान की इस ‘राबता’ से दर्शकों को राबता जरूर महसूस होगा. हमारी तरफ से इस फिल्‍म को मिलते हैं 3 स्‍टार.

 
 

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