इस चुनाव की सबसे चर्चित सीट मोकामा में बाहुबलियों की जंग

बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी में पटना से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित मोकामा विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र 178) एक बार फिर राज्य के सबसे कड़े और दिलचस्प मुकाबलों में से एक बन गई है। यह सीट ऐतिहासिक रूप से भूमिहार नेताओं के प्रभुत्व और अस्थिर राजनीतिक माहौल के लिए जानी जाती है, जहां चुनाव सड़कों पकों पर लड़े जाते हैं और अतीत में गोलियां चलने की घटनाएं आम रही हैं।
तेरहवें राउंड में एनडीए 16246 वोटों से आगे
मोकामा में तेरहवें राउंड की गिनती में जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह 49299 वोटों के साथ बढ़त बनाए हुए हैं। जबकि राजद प्रत्याशी वीणा देवी 33053 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं।
मोकामा का चुनावी इतिहास
लगभग दो दशक पहले यानी 1980 से मोकामा विधानसभा से दबंग कांग्रेस के नेता श्याम सुंदर सिंह धीरज विधायक बने। 1985 में फिर कांग्रेसी नेता श्याम सुंदर सिंह धीरज ही विधायक रहे। 1990 के विधानसभा चुनाव में श्याम सुंदर सिंह धीरज के बाहुबली समर्थक दिलीप सिंह खुद विधायक बन गए। 1995 के विधानसभा में भी दिलीप सिंह की जीत हुई।
वर्ष 2000 में सूरजभान सिंह की एंट्री
अपराधियों के चुनाव में बढ़ती भागीदारी के बीच मोकामा विधानसभा में एक नए बाहुबली सूरजभान सिंह की एंट्री हुई। वर्ष 2000 के विधानसभा में सूरजभान सिंह ने राजद के दिलीप सिंह को हरा कर मोकामा का दूसरा बाहुबली विधायक के रूप दिया। वर्ष 2005 अक्टूबर में अनंत सिंह का प्रवेश हुआ। वर्ष 2005 के दोनों विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह जदयू के टिकट से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की।
वर्ष 2010 में भी जदयू की टिकट पर ही अनंत सिंह ने जीत दर्ज की। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह निर्दलीय जीते। वर्ष 2020 का विधानसभा अनंत सिंह ने राजद के टिकट पर जीती। वर्ष 2022 में जब उप चुनाव हुए तो राजद से ही अनंत सिंह की पत्नी विधायक बनी। अब वर्ष 2025 का विधानसभा चुनाव सामने है। इस चुनाव में राजद से सूरजभान सिंह और जदयू से अनंत सिंह के बीच आमने सामने की टक्कर है।
मोकामा का चुनावी समीकरण पहले महागठबंधन और एनडीए आधारित था। जिस गठबंधन से नेता चुनावी जंग में उतरते उनके चुनावी समीकरण अलग अलग होते। एनडीए नेताओं का आधार वोट सवर्ण, वैश्य,कुशवाहा,कुर्मी और कुशवाहा मुख्य रूप से होते। वही महागठबंधन का आधार वोट यादव ,मुस्लिम,अन्य पिछड़ा और कुछ दलित भी हैं। वर्ष 2020 विधानसभा के चुनाव में जरूर पासवान वोट एनडीए खास कर जदयू के विरुद्ध पड़ा। यादवों के नेता दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा का चुनाव जो त्रिकोणात्मक संघर्ष की और जा रहा था वह अब सीधी टक्कर की राह पर उतर चला है। अब इस सवर्ण बनाम पिछड़ी जाति के रण में निर्णायक धानुक ,कुर्मी और दलित के मत बन गए हैं।





