इस आखिरी ऑफर को ठुकराने से ख़त्म हो जाएगा सिद्धू का पॉलिटिकल करियर!

चंडीगढ़। बीजेपी को छोड़कर अपना अलग फ्रंट आवाज-ए-पंजाब बनाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा, इसे लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है। पहले आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलों और बाद में इनकार करने और फिर फ्रंट आवाज-ए-पंजाब बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान करने और बाद में यू-टर्न ले लेने से सिद्धू की कथनी और करनी पर लोगों ने सवाल खड़े कर दिए है। कई राजनीतिक पंडितों का अनुमान है कि सिद्धू दंपति का बीजेपी छोड़ने का फैसला उनके पॉलिटिकल करियर के लिए एक सुसाइडल स्टेप था।
फिलहाल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब में जीत को पक्का करने के लिये सिद्धू के फ्रंट आवाज-ए-पंजाब का कांग्रेस में विलय करवाना चाहते है। इसके लिए कांग्रेस की और से नवजोत सिंह सिद्धू को फाइनल ऑफर के तौर पर 13 विधानसभा सीट सिद्धू के फ्रंट आवाज-ए-पंजाब के लोगों को देने और डिप्टी सीएम का पद नवजोत सिंह सिद्धू को देने का प्रस्ताव दिया गया है। पर बात आवाज-ए-पंजाब के कांग्रेस में विलय और इस प्रस्ताव पर सिद्धू और आवाज-ए-पंजाब फ्रंट के नेताओं की सहमति पर अटकी हुई है। कांग्रेस हर हाल में आवाज-ए-पंजाब फ्रंट का कांग्रेस के साथ विलय चाहती है। नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा, इसे लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है।
इस मामले पर पंजाब के डिप्टी-सीएम सुखबीर सिंह बादल ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर सिद्धू कांग्रेस ज्वॉइन करते है तो वो पहली गेंद पर ही ऑउट होंगे। कुल मिलाकर अगर सिद्धू दंपति कांग्रेस के इस ऑफर को भी ठुकरा देते है तो फिर उनके पास कोई राजनीतिक विकल्प नहीं बचेगा और उनके पॉलिटिकल करियर का ‘The End’ भी हो सकता है। यही वजह है कि सिद्धू दंपति अपना फैसला लेने में इतना वक्त लगा रहे है।