टेलिकॉम मार्केट में ग्राहकों की संख्या के मामले में नंबर वन होगी: जियो

वोडाफोन की भारतीय यूनिट और आइडिया सेल्युलर के बीच विलय को लेकर बातचीत जारी है। कहा जा रहा है कि इन कंपनियों के विलय से तैयार होने वाली नई फर्म देश के टेलिकॉम मार्केट में ग्राहकों की संख्या के मामले में नंबर वन होगी। हालांकि प्रतिस्पर्धी कंपनियों को इस विलय में भी उम्मीद की किरण दिख रही है। इसकी वजह यह है कि विलय के बाद बनी नई कंपनी को अपने कुछ स्पेक्ट्रम बेचने होंगे।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वोडाफोन और आइडिया की डील से जुड़े एक करीबी सूत्र ने बताया कि दोनों कंपनियां बचे हुए स्पेक्ट्रम को बेचने या फिर शेयर करने के विकल्पों पर विचार कर रही हैं। क्रेडिट स्विस ग्रुप एजी के विश्लेषकों के मुताबिक इस विलय के बाद कंपनी 60 अरब डॉलर के स्पेक्ट्रम बेचेगी। 1 फरवरी को सुनील तिरुमलाई और विरल शाह की ओर से लिखे गए नोट में कहा गया है कि दोनों कंपनियां संभवत: स्पेक्ट्रम को खरीद के रेट से भी कम में बेच सकती हैं।
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ऐसा करने पर आइडिया और वोडाफोन के लिए अपने सम्मिलित सर्कल्स का लाभ उठाना आसान नहीं होगा। भारत में कुल 22 टेलिकॉम सर्कल हैं, ऐसे में नई कंपनी को हर सर्कल में ग्राहकों की संख्या को बढ़ाना होगा ताकि वह प्राइस वॉर में मजबूती से मुकाबला कर सके। क्रेडिट स्विस की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों कंपनियों के पास करीब 5 सर्कलों में एयरवेव्स हैं, जो प्रति बैंड 50 पर्सेंट की रेग्युलेटरी लिमिट को पार करती है।
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पिछले साल अक्टूबर में एयरवेव्स की नीलामी के दौरान वोडाफोन ने सबसे अधिक 202 अरब रुपये का निवेश किया था। वहीं एयरटेल ने करीब 142 अरब और रिलायंस जियो ने 136 अरब रुपये का निवेश किया था। ऐसे में इन कंपनियों के पास अब बड़ा निवेश करने का बजट होगा। आइडिया ने अक्टूबर में 128 अरब रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदे थे।