इमरान सरकार के लिए तीन दिग्गज नेता बने…सिरदर्द

इन दिनों अपने तीन बड़े सियासतदारो से पाकिस्‍तान की इमरान सरकार भी तंग है. हालांकि, पाकिस्‍तान की सियासत में कभी इन तीनों दिग्‍गज राजनेताओं की तूती बोलती थी. लेकिन इन दिनों तीनों पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप हैं. एक पूर्व राष्‍ट्रपति पर तो देशद्रोह तक का मुकदमा दर्ज है.

मौजूदा समय में ये तीनों नेता एक लंबी बीमारी से जूझ रहे हैं. सभी अदालत की शरण में हैं. इन तीनों पर पाकिस्‍तान हुकूमत की नजर है. आइए जानते हैं उन पाकिस्‍तान के दिग्‍गज नेताओं के बारे में जो पाकिस्‍तान सरकार के साथ लुकाछिपी का खेला खेल रहे हैं. इसमें पहला नाम पाकस्तिान के पूर्व राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी का है. दूसरा नाम पूर्व सेना प्रमुख व पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ का है. तीसरा बड़ा पूर्व प्रधानमंत्री नाम नवाज शरीफ. इन तीनों पर भ्रष्‍टाचार एवं देशद्रोह के आरोप तय किए गए है.

भ्रष्‍टाचार करने वालो की लिस्ट में पहला नाम आसिफ अली जरदारी का है. इनका जन्‍म 26 जुलाई, 1955 को कराची में सिंध-बलोच में हुआ था। जरदारी पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति रहे और पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) के अध्‍यक्ष भी रहे। उनकी पत्‍नी और पाकिस्‍तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्‍या के बाद वे 9 सितंबर, 2008 को वे पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति बने थे. 8 दिसंबर, 1987 को बेनजीर भुट्टो से उनका निकाह हुआ. 1988 में जनरल जिया उल हक की एक विमान दुर्घटना में मौत के बाद बेनजीर भुट्टो पाकिस्‍तान की प्रधानमंत्री बनीं. वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। इसके बाद से जरदारी का राजनीतिक दबदबा बढ़ता गया. ऐसा कहा जाता है कि बेनजीर के दौर में किसी भी प्रोजेक्‍ट को पास करवाने के लिए जरदारी ने अपना कमीशन फ‍िक्‍स किया हुआ था. 1990 के दसक में वह सक्रिय राजनीति में आए और पहली बार जेल में रहते हुए चुनाव जीते.1993 में ही पाकिसतान में चुनाव हुए तो बेनजीर एक बार फिर प्रधानमंत्री बनीं और जरदारी को बड़ी जिम्‍मेदारियां दी गई. वह पहली बार पाकिस्‍तान की कार्यवाहक सरकार में मंत्री बने.

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