इमरान खान के बेटे ने किया बड़ा दावा, जेल प्रशासन ने दी ये सफाई

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बेटे कासिम खान ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता के साथ कुछ ऐसा हो रहा है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता। परिवार का उनसे संपर्क टूट गया है और उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ रही है। जेल प्रशासन का दावा है कि इमरान खान सुरक्षित हैं, लेकिन कासिम के आरोपों ने विवाद को और गहरा कर दिया है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बेटे कासिम खान ने सोमवार को जेल अधिकारियों पर उनके पिता के साथ कुछ ऐसा करने का आरोप लगाया जिसे बदला नहीं जा सकता।

दरअसल, समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कासिम ने कहा कि साप्ताहिक मुलाकात के न्यायिक आदेश के बावजूद परिवार का खान से कोई सीधा या सत्यापन योग्य संपर्क नहीं हुआ है।

‘क्या कुछ अनहोनी छिपाई जा रही?’

एक टिप्पणी के दौरान उन्होंने कहा कि यह न जानना कि आपके पिता सुरक्षित हैं, घायल हैं या जीवित हैं, एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक यातना है। आगे कहा कि आज हमारे पास उनकी स्थिति के बारे में कोई भी पुष्टि योग्य जानकारी नहीं है। हमारा सबसे बड़ा डर यह है कि हमसे कुछ ऐसी बात छिपाई जा रही है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता।

इमरान के बेटे कासिम का कहना है कि उन्होंने अपने पिता को आखिरी बार नवंबर 2022 में देखा था, जब वे हत्या के प्रयास में बच निकलने के बाद पाकिस्तान गए थे। उन्होंने कहा कि परिवार ने बार-बार खान के निजी चिकित्सक से मिलने की मांग की है, लेकिन उन्हें एक वर्ष से अधिक समय से उनकी जांच करने की अनुमति नहीं दी गई है।

जेल प्रशासन ने कहा- बिल्कुल सुरक्षित हैं इमरान खान

इस बीच, एक जेल अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि खान का स्वास्थ्य अच्छा है, तथा उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उच्च सुरक्षा वाले किसी जेल में स्थानांतरित किए जाने की किसी योजना की जानकारी नहीं है। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की सेहत को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है क्योंकि उनकी नजरबंदी की स्थिति के बारे में पारदर्शिता का अभाव है।

उनके बेटे कासिम खान का दावा है कि पिछले छह हफ़्तों से पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि पीटीआई नेता शायद जिंदा भी नहीं हैं। खान अभी भी अदियाला जेल में बंद हैं, जहां उन्हें पहली बार अगस्त 2023 में अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दोषी ठहराया गया था और तीन साल की सजा सुनाई गई थी।

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