इमरान खान के दौरे से पहले ट्रंप का कड़ा संदेश, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई से संतुष्ट नहीं

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की गिरफ्तारी समेत आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई से अमेरिका संतुष्ट नहीं दिख रहा है।व्हाइट हाउस ने इस्लामाबाद से साफ शब्दों में कहा कि सिर्फ दिखावा न करे, बल्कि यह सुनिश्चित करे कि इस तरह की कार्रवाई निरंतर होती रहे। अमेरिका का यह सख्त संदेश ऐसे समय आया है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रविवार को पहले अमेरिका दौरे पर पहुंच रहे हैं। वह सोमवार को व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।

ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान को व्हाइटहाउस बुलाकर अमेरिका यह संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद को लेकर अगर पाकिस्तान अपनी नीति में बदलाव करता है तो संबंधों को दुरुस्त करने के लिए दरवाजे खुले हैं।’व्हाइट हाउस में ट्रंप से इमरान की पहली मुलाकात होगी। ट्रंप प्रशासन उनका गर्मजोशी से स्वागत करने की तैयारी में है। वह ट्रंप और उनके कैबिनेट के कई सदस्यों के साथ राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में लंच भी करेंगे। हालांकि ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह साफ कर दिया है कि जब तक यह नहीं दिखता कि पाकिस्तान आतंकवाद और आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और सतत कार्रवाई कर रहा है, तब तक अमेरिका से उसे मिलने वाली सैन्य सहायता रुकी रहेगी। एक अधिकारी ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि हमने जनवरी, 2018 में पाकिस्तान की सुरक्षा मदद रोक दी थी। अभी भी इस नीति में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। हम सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि सतत कार्रवाई चाह रहे हैं। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। हम यह देखेंगे कि पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदम स्थिर और सतत हैं या नहीं।’

ट्रंप के कार्यकाल में बिगड़े संबंध 

2017 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। ट्रंप ने पिछले साल सीधे शब्दों में कहा था कि पाकिस्तान ने झूठ और फरेब के अलावा कुछ नहीं दिया। वह आतंकियों को सुरक्षित पनाह दे रहा है। ट्रंप ने आतंकी संगठनों का समर्थन करने के कारण पाक की आर्थिक मदद भी रोक दी थी।

शकील की रिहाई पर बात करेंगे ट्रंप

व्हाइट हाउस में इमरान खान के साथ वार्ता के दौरान ट्रंप पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी की रिहाई पर भी चर्चा करेंगे। शकील की मदद से ही सीआइए ने 2011 में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को खोज निकाला था। बाद में शकील को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया था। तब से ही अमेरिका उनकी रिहाई की मांग कर रहा है।

पहले भी कई बार सईद गिरफ्तार

ट्रंप प्रशासन ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान के इरादे पर संदेह जताया है। पाकिस्तान ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सईद को आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप में गत बुधवार को गिरफ्तार किया था। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम यह देख चुके हैं कि सईद को पहले भी कई बार जेल में डाला जा चुका है।’ सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर (करीब 70 करोड़ रुपये) का इनाम रखा है। उसे सातवीं बार गिरफ्तार किया गया है।

उठेगा बलोचिस्तान का मुद्दा

वाशिंगटन में वल्र्ड बलोच ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूबीओ) और बलोच रिपब्लिकन पार्टी ने बलूचिस्तान में पाक सरकार की शह पर लोगों को गायब कर दिए जाने का मुद्दा उठाया है। डब्ल्यूबीओ इस संबंध में जागरूकता अभियान चला रहा है। अभियान का लक्ष्य बलूचिस्तान प्रांत में हो रहे मानवाधिकार हनन के मामलों की ओर ट्रंप का ध्यान आकर्षित करना है। अमेरिका के 10 सांसदों ने भी ट्रंप को पत्र लिखकर इमरान के समक्ष सिंध क्षेत्र में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाने की अपील की है।

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