इन पांच राशियों की बदल जाएगी जिंदगी, सूर्य के राशि बदलते ही बनेगा महासंयोग

सूर्य का राशि परिवर्तन सभी राशियों के लिए काफी अहम होता है। साल 2019 में सूर्य का आखिरी गोचर होने जा रहा है। 16 दिसंबर यानी सोमवार को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। 15 जनवरी 2020 तक सूर्य इसी राशि में विराजमान रहने वाले हैं। सूर्य के इस राशि परिवर्तन से एक अजब संयोग भी बन रहा है। सूर्य से पहले ही धनु राशि में शनि, गुरु और केतु, विद्यमान हैं। ये महासंयोग लगभग एक महीने तक रहेगा। आइए जानते हैं इससे सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

मेष : इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से नवम भाव में स्थित होंगें। छात्र जीवन के लिए यह गोचर काफी शुभ माना जा रहा है। इस गोचर काल में आपकी लव लाइफ भी अच्छी रहेगी। परिवार के सदस्यों के साथ आप छुट्टियों पर जाने का प्लान भी बना सकते हैं। समाज में आपके पिता के मान सम्मान बढ़ेगा।

इस दौरान आप बिजनेस का विस्तार भी सफलता पूर्वक कर पाएंगे। आर्थिक स्तर पर सूर्य के इस गोचर काल में आपको पूर्व में किए निवेशों से लाभ मिल सकता है।

उपाय: सूर्य के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए आदित्य ह्रदय स्त्रोत का जाप करें।

वृषभ : वृषभ राशि में सूर्य का प्रवेश आठवें भाव में होगा। इस दौरान आप अपने स्वास्थ्य को विशेष अहमियत देंगे और सेहत को लेकर सतर्क रहेंगे। ये अवधि आपके कार्य क्षेत्र में मुसीबतें पैदा कर सकती है। कार्य स्थल पर आप किसी विवाद में फंस सकते हैं। माता-पिता की सेहत आपके लिए परेशानी की वजह बन सकती है।

परिवार में किसी बात को लेकर होने वाले विवाद की वजह से मन अशांत रह सकता है। सड़क पर वाहन चलाते वक्त सावधान रहने की जरूरत है।

उपाय: मंदिर में भगवान विष्णु को गुड़ चढ़ाने से सूर्य के हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकता है।

मिथुन : इस गोचरीय अवधि के दौरान सूर्य आपकी राशि से सातवें भाव में स्थित होंगें। सूर्य का ये गोचर आपके लिए निम्न फलदायी साबित हो सकता है। हालांकि व्यापार वर्ग के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। बिजनेस में नुकसान से बचने के लिए पार्टनर का साथ मिलना जरूरी है।

इस गोचरकाल के दौरान सूर्य के अशुभ प्रभाव से आपके व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। स्वास्थ्य को लेकर बरती जानी वाली लापरवाही आपके लिए इस समय हानिकारक साबित हो सकती है।

उपाय: सूर्य के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए गौशाला में गेहूं की बालियां दान करें।

कर्क : कर्क राशि में सूर्य का प्रवेश छठे भाव में होगा। इस गोचरकाल में आप अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे और हर क्षेत्र में आपको सफलता मिल सकती है। हालांकि आपको अपनी सेहत का ख़ासा ध्यान रखना होगा। पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण व्यतीत हो सकता है, इस दौरान आप अपने घर का पुनर्निर्माण या उसके सौन्दर्यीकरण का काम करवा सकते हैं।

आपके सहकर्मी इस समय आपके काम में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करेंगे, लेकिन आप अपनी सूझ बूझ से इस परिस्थिति का सामना करने में सफल हो सकते हैं।

उपाय: विशेष लाभ के लिए भगवान शिव की आराधना करें और उन्हें खस का इत्र चढ़ाएं।

सिंह : इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से पांचवें भाव में स्थापित होंगें। इस गोचर अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। इसके वाबजूद भी आप अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर संतुष्ट नहीं रहेंगे। पैसे कमाने की लालसा इस समय आपके अंदर बढ़ सकती है।

इस दौरान आपका रुझान खासतौर से धार्मिक कार्यों की तरफ हो सकता है। आप किसी से प्रेम करते हैं तो सूर्य के इस गोचर काल में आपके प्रेम जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं।

उपाय: विशेष लाभ के लिए हरिवंश पुराण का पाठ करें।

कन्या : इस गोचरकाल में सूर्य आपकी राशि से चौथे भाव में विराजमान होंगें। गोचर की ये अवधि आपके लिए आर्थिक रूप से फलदायी साबित हो सकती है। यदि आप विवाहित हैं तो, इस गोचरीय अवधि में आपके जीवनसाथी को कार्य क्षेत्र में अपार सफलता मिल सकती है।

इस गोचरकाल के दौरान आपको अपने पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में ताल मेल बनाकर चलने की जरूरत होगी। कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य का ये गोचर मिला जुला परिणाम देने वाला साबित होगा।

उपाय: रविवार के दिन तांबे की वस्तु का दान करें।

तुला : तुला राशि में सूर्य का प्रवेश उनकी कुंडली से तीसरे भाव में होगा। इस गोचरकाल के दौरान आपका विशेष रूप से भाग्योदय होगा। भाग्य का साथ मिलने से आपको जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता भी मिल सकती है।

गोचर की इस अवधि में, आपका पारिवारिक जीवन खासा सुखमय व्यतीत होगा। परिवार का साथ मिलने से आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में आप अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर सफलता प्राप्त करने में कामयाब होंगे।

उपाय: विशेष लाभ के लिए श्वेतार्क का पौधा लगाएँ और उस पर रोज जल चढ़ाएं।

वृश्चिक : इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से दूसरे भाव में विराजमान होंगे। यदि आप किसी क्षेत्र में निवेश की सोच रहें हैं तो, अपनी सूझ-बूझ से काम लें अन्यथा नुकसान हो सकता है। सूर्य के हानिकारक प्रभाव से आपको आंखों का रोग हो सकता है।

इस अवधि में नेत्र संबंधी समस्या से बचने के लिए अपनी आंखों का खास ख्याल रखें। यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो, गोचर की इस अवधि में निराशा आपके हाथ लग सकती है।

उपाय: बेलमूल की जड़ धारण करने से सूर्य के हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकता है।

धनु : चूंकि सूर्य का गोचर आपकी ही राशि में हो रहा है, लिहाजा ये आपकी राशि से पहले या लग्न भाव में स्थापित होंगें। कामकाजी लोगों को कार्य क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा सफलता मिल सकती है।

कामकाजी लोगों के लिए ये एक स्वर्णिम समय होगा। हालांकि आपके अंदर अहंकार की भावना जागृत हो सकती है, जो कि आपके लिए परेशानी की वजह बन सकती है।

उपाय: विशेष लाभ के लिए सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उन्हें लाल फूल अर्पित करें।

मकर : सूर्य आपकी राशि से बारहवें भाव में स्थापित होंगें। आर्थिक रूप से मजबूत बने रहने के लिए गोचर की इस अवधि में अपने खर्चों पर थोड़ा नियंत्रण रखें। इस दौरान आपके मन में कामुक विचार आ सकते हैं या आप किसी गलत संगत में पड़कर आप अपना मान सम्मान गंवा सकते हैं।

लिहाजा इस गोचरकाल के दौरान खुद पर संयम रखें और बुरे विचार मन में ना आने दें। यदि प्रेम जीवन की बात करें तो, सूर्य का गोचर आपके प्रेम जीवन के लिए विपरीत परिणाम दे सकता है।

उपाय: रविवार को गेहूं की बालियां दान करने से सूर्य के हानिकारक परिणाम से बचा जा सकता है।

कुंभ राशि : इस दौरान सूर्य आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में विराजमान होगा। सूर्य के इस गोचरकाल के दौरान आप अपने उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं जिसे पाने का इंतजार आप काफी लंबे वक्त से कर रहे हैं। आर्थिक मजबूती और काम में मिलने वाली सफलता से मन प्रसन्न रहेगा।

यदि आप सिंगल हैं तो गोचर की इस अवधि में आपके जीवन में किसी ऐसे व्यक्ति की एंट्री हो सकती है जिसके साथ जीवनभर का रिश्ता बना सकते हैं। कुंभ राशि के वो छात्र जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए गोचर का ये समय खासा फलदायी साबित हो सकता है।

उपाय: विशेष लाभ के लिए रविवार के दिन किसी जरुतमंद व्यक्ति को दवाई बांटें।

मीन : सूर्य आपकी राशि से दसवें भाव में विराजमान होंगें। आपके लिए सूर्य का ये गोचर खासतौर से करियर के लिहाज से फलदायी हो सकता है। यदि आप काम की तलाश में हैं तो गोचर की इस अवधि के दौरान आपकी ये तलाश खत्म हो सकती है और आपको अपने मनचाही जगह पर काम मिल सकता है।

इस गोचरकाल में पारिवारिक जीवन थोड़ा तनाव पूर्ण व्यतीत होगा। परिवार में किसी बात को लेकर पिता के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। यदि आप विवाहित हैं तो, इस गोचरीय अवधि में आपके जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर अन-बन हो सकती है। व्यापार से जुड़े जातकों को इस अवधि में नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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