इन चीजों के बिना अधूरी है हरतालिका तीज की पूजा

वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन पूजा में क्या शामिल करना चाहिए।
सनातन धर्म में हरतालिका तीज के पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं व्रत करती हैं और महादेव के संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है और जल्द विवाह के योग बनते हैं। सुहागिन महिलाओं के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा में विशेष चीजों को शामिल न करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए पहले ही हरतालिका तीज की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री को एकत्रित कर लें।
हरितालिका तीज पूजा सामग्री लिस्ट
घी, दीपक, अगरबत्ती और धूपबत्ती
भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा
कपूर पान और बाती
साबुत नारियल, चंदन, सुपारी,
भोग के लिए केले
फूल, बेल के पत्ते कलश, धतूरा, आम के पत्ते, केले के पत्ते,,और एक चौकी, शमी के पत्ते
16 श्रृंगार की वस्तुएं
हरतालिका तीज डेट और टाइम
भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत- 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर
भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का समापन- 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर
26 अगस्त को हरतालिका तीज व्रत किया जाएगा।
ये है पूजा का सही समय
सुबह 05 बजकर 56 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक
ऐसे दूर करें आर्थिक तंगी
अगर आप आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो हरतालिका तीज के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना करें। इस दौरान सच्चे मन से आक के 5 फूल शिवलिंग पर अर्पित करें और शिव चालीसा का पाठ करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन लाभ के योग बनते हैं।
सभी काम होंगे पूरे
सभी कामों में सफलता पाने के लिए हरतालिका तीज के अवसर पर दूध, दही और शहद समेत आदि चीजों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
हरतालिका तीज के दिन क्या दान करें
इस दिन पूजा करने के बाद गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। इससे साधक को जीवन में कोई कमी नहीं होगी। साथ ही धन लाभके योग बनते हैं।