इन गलतियों की वजह से बढ़ जाता है गालब्लैडर स्टोन का जोखिम

पित्ताशय हमारे लिवर के नीचे स्थित एक छोटा सा अंग है, जिसका मुख्य काम लिवर द्वारा उत्पादित पित्त को जमा करना और गाढ़ा करना है। यह पित्त फैट को पचाने में मदद करता है। जब पित्त में मौजूद पदार्थों, जैसे कोलेस्ट्रॉल या बिलीरुबिन का संतुलन बिगड़ जाता है, तो वे कठोर होकर पथरी का रूप ले लेते हैं, जिसे गॉल ब्लैडर स्टोन या पित्ताशय की पथरी कहते हैं। आधुनिक जीवनशैली में अक्सर लोग कुछ ऐसी सामान्य गलतियां करते हैं जिससे इस पथरी का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
यह समस्या अक्सर तब तक बिना दर्द के रहती है जब तक कि पथरी पित्त नलिकाओं में फंस नहीं जाती, जिसके बाद पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में तीव्र दर्द, मतली और उल्टी जैसे गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। समय रहते इन कारणों को समझना और जीवनशैली में बदलाव लाकर इस दर्दनाक स्थिति से बच सकते हैं, नहीं तो इसके इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं कि क्या गड़बड़ आदतें गालब्लैडर स्टोन का जोखिम को बढ़ा देते हैं।
अधिक फैट वाले आहार सेवन
पित्ताशय की पथरी का सबसे बड़ा कारण अधिक फैट और कम फाइबर वाला आहार है। फैट को पचाने के लिए अधिक पित्त की जरूरत होती है। अत्यधिक फैट वाले खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से अनहेल्दी सेचुरेटेड फैट पित्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देते हैं, जिससे पथरी बनने लगती है।
तेजी से वजन घटाना या उपवास करना
अचानक और तेजी से वजन घटाने के लिए स्टिक्ट डाइट या लंबे समय तक उपवास करना भी एक प्रमुख जोखिम कारक है। जब आप बहुत तेजी से वजन घटाते हैं, तो लिवर पित्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल रिलीज करता है, और पित्ताशय ठीक से खाली नहीं हो पाता। ऐसे में गालब्लैडर स्टोन का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
कुछ दवाएं और हार्मोन असंतुलन
कुछ प्रकार की दवाएं, विशेष रूप से एस्ट्रोजन युक्त हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या गर्भनिरोधक गोलियां, पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा गर्भावस्था भी हार्मोनल बदलाव के कारण पित्ताशय की पथरी के जोखिम को बढ़ा देती है। इसलिए किसी भी तरह का दवा लेने से पहले विशेषज्ञ से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
शारीरिक गतिविधि की कमी
सेडेंटरी लाइफस्टाइल या शारीरिक गतिविधि की कमी भी पित्ताशय की पथरी के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही मेटापा भी एक गॉल ब्लैडर के पथरी का एक बड़ा कारण है। मोटापा पित्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है, जबकि देर तक एक जगह बैठे रहना, पित्ताशय को पर्याप्त रूप से खाली होने से रोकती है, जिससे पित्त गाढ़ा होकर पथरी का रूप ले लेता है। इसलिए आप ऊपर बताए गलतियों न करें वरना गॉलब्लैडर का जोखिम बढ़ जाता है।





