इंदौर: रतलाम से रेस्क्यू हुआ दुर्लभ पैंगोलिन अब रालामंडल में सुरक्षित

इंदौर में करीब 15 दिन पहले रतलाम से रेस्क्यू किए गए दुर्लभ प्रजाति के पैंगोलिन को अब रालामंडल अभयारण्य में सुरक्षित रखा गया है। वन विभाग ने इसकी सुरक्षा को लेकर विशेष निगरानी व्यवस्था की है। तस्करी की आशंका को देखते हुए पैंगोलिन के ठिकाने पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। वनकर्मी रोजाना एक से दो बार गश्त कर उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। जिस स्थान पर यह पैंगोलिन रखा गया है, वहां पर्यटकों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। जानकारी के अनुसार, फिलहाल इंदौर चिड़ियाघर में कोई पैंगोलिन मौजूद नहीं है।
दवाइयां बनाने के लिए होती है पैंगोलिन की तस्करी
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चीन और वियतनाम जैसे देशों में पैंगोलिन की तस्करी बड़े पैमाने पर की जाती है। इस जीव के शल्क (स्केल्स) का उपयोग पारंपरिक दवाइयां बनाने में किया जाता है। इसी कारण इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अत्यंत संरक्षित श्रेणी में रखा गया है। इंदौर वन विभाग ने तस्करी की आशंका को देखते हुए इसे सुरक्षित क्षेत्र में रखा है। किसी भी पर्यटक या बाहरी व्यक्ति को उस क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी गई है, जहां पैंगोलिन को छोड़ा गया है।
रतलाम में कॉलोनी से मिला था पैंगोलिन, सूचना पर हुई कार्रवाई
वन विभाग के अनुसार, रतलाम की एक कॉलोनी में यह पैंगोलिन घूमता हुआ मिला था। स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद इसे रालामंडल अभयारण्य में छोड़ने का निर्णय लिया गया। 23 अक्टूबर को वनकर्मी पैंगोलिन को लेकर रतलाम से इंदौर पहुंचे और इसे निर्धारित क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ा गया।
प्राकृतिक माहौल में मिल रहा अनुकूल वातावरण, स्टाफ कर रहा निगरानी
इंदौर वनमंडल के अधिकारियों ने बताया कि रालामंडल अभयारण्य लगभग 234 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां पर्याप्त पानी और चीटियों की उपलब्धता है। इससे पैंगोलिन को भोजन के लिए अलग व्यवस्था की आवश्यकता नहीं है। रेंजर योगेश यादव ने बताया कि गश्त के दौरान स्टाफ उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए है। उसे ऐसे क्षेत्र में छोड़ा गया है, जहां पर्याप्त नमी और उसका पसंदीदा भोजन चीटियां आसानी से मिल सकें। विभाग का कहना है कि पैंगोलिन पूरी तरह सुरक्षित है और उस पर लगातार निगरानी जारी है।





