इंदौर जेल से रिहा होते ही बांग्लादेशी दंपत्ति हिरासत में

फिलहाल उन्हें सेफ हाउस में रखा गया है। दंपत्ति अपरहण के मामले में जेल गए थे। चार साल की सजा काटने के बाद वे रिहा हुए थे। राज्य स्तर पर गठित एसआईटी ने इंदौर पुलिस को रिहाई की पूर्व सूचना दी थी। इस कारण उन्हें जेल परिसर में ही हिरासत में ले लिया गया।

इंदौर जेल में चार साल की सजा पूरी करने के बाद रिहा हुए बांग्लादेशी दंपत्ति को हीरानगर थाना पुलिस ने फिर गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को जेल से बाहर निकलने का पुलिसकर्मी उनका इंतजार कर रहे थे,क्योकि दोनों के पास भारतीय नागरिकता के दस्तावेज नहीं है। अब उन्हें उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

फिलहाल उन्हें सेफ हाउस में रखा गया है। दंपत्ति अपरहण के मामले में जेल गए थे। चार साल की सजा काटने के बाद वे रिहा हुए थे। राज्य स्तर पर गठित एसआईटी ने इंदौर पुलिस को रिहाई की पूर्व सूचना दी थी। इस कारण उन्हें जेल परिसर में ही हिरासत में ले लिया गया।

दंपत्ति 2020 में अपहरण कांड में दोनो पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार हुए थे और कोर्ट ने चार साल की कैद सुनाई थी। इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने उन्हें सेफ हाउस में रखा है। कुछ दिनों बाद फिर बांग्लादेश भेजा जाएगा। इसके अलावा इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के डाटा को लेकर पुलिस व इंटेलिजेंस टीमें सक्रिय हैं।

हीरानगर रेलवे पटरी के पास झुग्गी में रह रहे एक अन्य बांग्लादेशी युवक की भी पहचान की गई है, जिसके दस्तावेजों की पुलिस जांच कर रही है। शहर के सराफा क्षेत्र में आभूषण बनाने के काम में कई बांग्लादेशी कारिगर लगे हुए है। इंदौर के चंदन नगर व खजराना क्षेत्र में कई वर्षों पहले वे आकर रहने लगे थे और उन्होंने फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखे है।

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