इंदौर की सड़कों पर सजी सितारों की बारात, पुराणों के प्रसंगों से लेकर सेना के पराक्रम तक दिखी झलक

अनंत चतुर्दशी पर 103वें सांस्कृतिक रतजगे की झांकियों ने हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। खजराना गणेश मंदिर से लेकर सेना के पराक्रम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक की झलकियों ने आस्था और देशभक्ति का संगम पेश किया।
अनंत चतुर्दशी पर शहर के सांस्कृतिक रतजगे के 103 वें वर्ष में इंदौर की सड़कों पर फिर झिलमिल सितारों की बारात सजी। तीन दिन लगातार वर्षा के बाद शनिवार को मौसम खुला रहा और खुशनुमा मौसम और ठंडी रात के बीच इन झांकियों को निहारने के लिए हजारों लोगों का कारवां चलता रहा। इन झांकियों में पौरोणिक प्रसंगों के चित्रण के साथ सेना के पराक्रम यानी ऑपरेशन सिंदूर को बखूबी पेश किया गया। इसके साक्षी बनने देशभर से हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ उमड़ी। पूरी रात झांकियां निकलने का सिलसिला चला।
खजराना की झांकी सबसे आगे
किसी वक्त इंदौर की शान रही कपड़ा मिलों और खजराना गणेश मंदिर के साथ ही नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण तथा कुछ अन्य संस्थाओं की झांकियां भी इसमें शामिल हुईं। खजराना गणेश मंदिर की झांकी सबसे आगे चल रही थी। इसके पीछे ट्रैक्टर में भगवान खजराना गणेश की प्रतिमा लगाई गई थी।
राजकुमार की झांकी की बत्ती गुल
राजकुमार मिल की झांकियां मिल के गेट से बाहर निकली और जनरेटर में खराबी के कारण झाकियों की बिजली गुल हो गई। इसके बाद झांकी कलाकारों ने इलेक्ट्रिशियन की मदद ली और बिजली व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की। आधे घंटे बाद राजकुमार मिल की झांकियां फिर जगमगाई और कारवां में शामिल होकर आगे बढ़ी। इसके अलावा एमजी रोड की बिजली भी थोड़ी देर के लिए गुल हो गई थी।
रात 10 बजे नंदलालपुरा पहुंची पहली झांकी
झांकियों का कारवां धीरे धीरे आगे बढ़ता रहा। खजराना गणेश की पहली झांकी रात 10 बजे नंदलालपुरा पार कर चुकी थी, जबकि अन्य मिलों की झांकी जेलरोड पर थीं।
मंत्री विजयवर्गीय व मेयर भार्गव शामिल हुए
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने समर्थकों के साथ एक रथ पर सवार हुए और देशभक्ति गीतों को गाते नजर आए। मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी नगर निगम की झांकी के आगे एक खुले वाहन पर सवार होकर लोगों का अभिवादन करते हुए चल रहे थे।
कलेक्टर आशीष सिंह ने की पूजा
झांकियां समय पर निकलें, इसके लिए शाम सात बजे ही मिलों के गेट पर प्रशासनिक अफसर पहुंच गए और श्रमिकों को समय पर झांकियां गेट से बाहर करने की हिदायत देते रहे। उन्होंने झांकियों के ट्रालों के टायरों की हवा और बैटरियां भी जांचने के लिए कहा। अफसरों ने ज्यादा तेज साउंड बजाने वाली डीजे गाड़ियों से भी स्पीकर कम कराए। हर मंच पर दो से ज्यादा स्पीकर लगाने की अनुमति नहीं दी गई। कलेक्टर आशीष सिंह और अन्य अधिकारियों ने पूजा के बाद झांकियों को आगे बढ़ाया
32 अखाड़े और 28 झांकियां शामिल हुईं
इस बार 6 मिलों की 16 झांकियों के साथ ही 4 संस्थाओं की 12 अन्य झांकियां भी इसमें शामिल हुईं। हर बार की तरह इस बार भी पूरे चल समारोह में 32 अखाड़ों के समूह शामिल हुए। आईडीए ने ऑपरेशन सिंदूर पर झांकी बनाई थी।
100 से ज्यादा मंच लगे
झांकी और अखाड़ों का स्वागत करने के लिए मार्ग पर 100 से ज्यादा मंच लगाए गए। बारिश के मौसम को देखते हुए ज्यादातर वाटर प्रूफ मंच लगाए गए थे इन मंचों से झांकी बनाने वाले श्रमिकों के अलावा अखाड़ों में शस्त्रकला दिखाने वाले पहलवानों व खलीफा का भी स्वागत किया गया।
निर्णायक मंच कृष्णपुरा छत्री पर लगा
प्रशासन का निर्णायक मंच कृष्णपुरा छत्री के समीप लगाया गया था। यहां प्रशासन द्वारा गठित निर्णायक समिति की सदस्य बैठे थे। वे झांकियों की बनावट, विषय, विद्युत सज्जा के आधार पर झांकियों को नंबर देंगे। जो सबसे ज्यादा नंबर लाएगा। उसे प्रथम पुरस्कार दिया जाएगा। अखाड़ों को भी उनकी शस्त्र कला, अनुशासन के आधार पर पुरस्कार दिया जाएगा। अखाड़ों के उस्तादों से कहा गया है कि वे झांकी निकलने तक निर्धारित स्थलों पर रहें।
छह किमी लंबे मार्ग पर 3000 जवान तैनात
छह किलोमीटर लंबे झांकी मार्ग पर 3 हजार से ज्यादा पुलिस जवान तैनात किए गए, जबकि पांच सौ से ज्यादा नगर सुरक्षा समिति सदस्य भी मदद कर रहे थे। 20 से ज्यादा वॉच टावरों से पुलिस के विशेष दल झांकी मार्ग पर निगरानी रख रहे थे। इन वॉच टावरों पर चिकित्सकों को भी तैनात किया गया था। सीसीटीवी कैमरे भी झांकी मार्ग पर लगाए गए थे।
शराबियों को जांच कर रोका
चल समारोह में शराब पीकर आने वालों के लिए पुलिस ने ब्रेथ एनालाइजर कुछ पुलिसकर्मियों को दे रखे थे। इनसे शराब के नशे में पाए गए लोगों को चल समारोह में शामिल होने नहीं दिया गया।
ये झांकियां शामिल हुईं
इस बार खजराना गणेश मंदिर, इंदौर विकास प्राधिकरण, होप टेक्सटाइल (भंडारी) मिल, नगर निगम, कल्याण मिल, स्पूतनिक ट्यूटोरियल एकेडमी, मालवा मिल, स्वदेशी मिल, राजकुमार मिल तथा हुकुमचंद मिल, जय हरसिद्धी मां सेवा समिति सहित अन्य संस्थाओं की झांकियां निकलीं। एक संस्थान की दो या तीन झांकियां रहीं जो आकर्षक विद्युत सज्जा के साथ स्वचलित थीं।