इंदौर: अन्नपूर्णा तालाब पर बनेगा सवा करोड़ का घाट

इंदौर नगर निगम अन्नपूर्णा तालाब पर छठ पूजा के लिए सवा करोड़ रुपये की लागत से भव्य घाट का निर्माण करवा रहा है।
इंदौर नगर निगम द्वारा छठ पूजा के लिए विभिन्न स्थानों पर घाट निर्माण की योजना के तहत वर्षों पुराने अन्नपूर्णा तालाब को चुना गया है। निगम यहां सवा करोड़ रुपये की लागत से घाट बनाएगा और तालाब परिसर का संपूर्ण सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रवेश द्वार से लेकर तालाब के चारों ओर सुविधाजनक घाट निर्माण, लाइटिंग और बैठने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे छठ पूजा जैसे प्रमुख पर्व को मनाने में श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
कभी बदहाल था अन्नपूर्णा तालाब, अब बनेगा धार्मिक आयोजन का केंद्र
एक समय पर अन्नपूर्णा तालाब की हालत बेहद खराब थी। चारों ओर गंदगी, कचरे के ढेर और जलकुंभी से भरे इस तालाब के आसपास लोग आना तक पसंद नहीं करते थे। नगर निगम द्वारा कुछ समय पूर्व इस तालाब की साफ-सफाई करवाई गई और आसपास के क्षेत्र में विकास कार्य कराए गए, जिससे स्थिति में सुधार आया। अब निगम यहां छठ पूजा के मद्देनजर विशेष घाट निर्माण करने जा रहा है। इसके लिए निगम द्वारा टेंडर जारी किए गए हैं, जिनमें घाट निर्माण के साथ-साथ परिसर का समग्र सौंदर्यीकरण भी शामिल है।
उत्तर भारतीय समुदाय के लिए विशेष तैयारी, तय होगी समय सीमा
छठ पूजा उत्तर भारतीय समुदाय का प्रमुख पर्व है और इंदौर में इसकी लोकप्रियता को देखते हुए नगर निगम इसे व्यवस्थित ढंग से मनाने के लिए कार्य कर रहा है। अन्नपूर्णा तालाब पर बन रहे इन घाटों की योजना इस तरह से तैयार की जा रही है कि श्रद्धालुओं को जगह, सुविधा और स्वच्छता के स्तर पर कोई परेशानी न हो। निगम अधिकारियों का कहना है कि कार्यों के लिए समय सीमा निर्धारित की जाएगी ताकि त्यौहार से पहले सभी निर्माण पूर्ण हो जाएं। साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी छठ पूजा के लिए उपयुक्त जमीनों की तलाश की जा रही है, जहां भविष्य में घाट बनाए जा सकें।
सुखलिया क्षेत्र की सड़कों पर चलेगा विकास कार्य, बदलेगी ड्रेनेज व्यवस्था
नगर निगम द्वारा केवल धार्मिक स्थलों पर ही नहीं, बल्कि शहर के अन्य इलाकों में भी बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए काम किया जा रहा है। सुखलिया और आसपास की कॉलोनियों जैसे खातीपुरा, पन्नानगर, सूरज नगर में वर्षों पुरानी ड्रेनेज लाइनों के कारण बार-बार चोकिंग की शिकायतें मिल रही थीं। अब इन क्षेत्रों में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से नई और बड़ी ड्रेनेज लाइनें बिछाने का काम शुरू किया जा रहा है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। साथ ही पुराने टूटे-फूटे चेंबर भी सुधारे जाएंगे, जिससे स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी और जल निकासी की व्यवस्था बेहतर होगी।