इंडोनेशिया दौरे पर सीडीएस चौहान, 45 करोड़ डॉलर के ब्रह्मोस सौदे पर आगे बढ़ सकती है बात

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो जनवरी में गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे। सुबियांतो के साथ आए इंडोनेशिया के नौसेना प्रमुख मुहम्मद अली ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस का दौरा किया था। राष्ट्रपति प्रबोवे सुबियांतो ने भी ब्रह्मोस के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की थी। पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद 14-15 देशों ने भारत से ब्रह्मोस की मांग की है।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान रविवार से लगभग एक सप्ताह के दौरे पर इंडोनेशिया रवाना हो गए हैं। इस दौरे का उद्देश्य भारत व इंडोनेशिया के रक्षा संबंध बेहतर बनाना है। सीडीएस की इंडोनेशिया यात्रा पर जकार्ता में भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा है कि यह यात्रा इस साल जनवरी में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की भारत यात्रा में तय रक्षा समझौतों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी। गौरतलब है कि भारत और इंडोनेशिया के बीच 45 करोड़ डॉलर (लगभग 3,900 करोड़ रुपए) का ब्रह्मोस सौदा प्रस्तावित है। जनरल चौहान की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान इस पर बात बनने के आसार हैं।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो जनवरी में गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे। सुबियांतो के साथ आए इंडोनेशिया के नौसेना प्रमुख मुहम्मद अली ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस का दौरा किया था। राष्ट्रपति प्रबोवे सुबियांतो ने भी ब्रह्मोस के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की थी। पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद 14-15 देशों ने भारत से ब्रह्मोस की मांग की है।

रक्षा मंत्री सजाफ्री सजामसोएद्दीन से मुलाकात करेंगे चौहान

इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान जनरल चौहान रक्षा मंत्री सजाफ्री सजामसोएद्दीन से मुलाकात करेंगे। साथ ही अपने समकक्ष कमांडर-इन-चीफ जनरल अगुस सुबियांतो के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इसके अलावा वह इंडोनेशिया के तीनों सेना प्रमुखों के सहित अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे।

प्रमुख रक्षा उद्योग प्रतिष्ठानों और शिपयार्ड का करेंगे दौरा

31 अक्तूबर तक चलने वाली अपनी यात्रा के दौरान जनरल चौहान बंडुंग और सुराबाया शहरों की यात्रा भी करेंगे। यहां वह प्रमुख रक्षा उद्योग प्रतिष्ठानों और शिपयार्ड का दौरा करेंगे।बंडुंग इंडोनेशिया का रक्षा अनुसंधान व विमानन केंद्र है जबकि सुराबाया नौसेना के लिए जहाज निर्माण केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग में सहयोग, संयुक्त उत्पादन, तकनीकी आदान-प्रदान व नवाचार के अवसरों पर चर्चा होने की संभावना है।

भारत-इंडोनेशिया रक्षा संबंध गहरा हुआ

भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा सहयोग पिछले कुछ वर्षों में काफी गहरा हुआ है। साल 2018 में दोनों देशों ने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया था।अप्रैल 2024 में जकार्ता में आयोजित भारत-इंडोनेशिया रक्षा उद्योग प्रदर्शनी में भारत की 30 से अधिक रक्षा कंपनियों ने भाग लिया था। इस अवसर पर दोनों देशों ने रक्षा उत्पादन और आपूर्ति शृंखला सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई थी। दोनों देशों की नौसेनाएं नियमित रूप से समन्वित गश्ती व संयुक्त अभ्यास करती हैं, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूती मिली है। दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग, प्रशिक्षण व प्रौद्योगिकी सहयोग पर अहम समझौते भी हुए हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति व स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। जनरल अनिल चौहान की यह यात्रा भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन को और मजबूत बनाने की दिशा में भी देखी जा रही है।

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