इंडिया का इटली बन रहा इंदौर

रूबी सरकार

अपनी साफ़ सफाई के लिए देश में हमेशा नंबर एक रहने वाला इंदौर शहर फिलहाल करोना का हॉट स्पॉट  बना हुआ है . मध्यप्रदेश में अबतक आये कुल करीब 1400 मामलों में से 891 इसी शहर के हैं और अभी 5000 लोगो की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है.

इंदौर में जांच डालो पर हमलों की भी खबर आती है , लेकिन इस संकट काल में मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है यहाँ की सरकार का पूरी तरह गठन न हो पाना.

मप्र का दुर्भाग्य है कि जब यहाँ कोरोना प्रवेश कर रहा था तब हमारी तत्कालीन कांग्रेस की प्रदेश सरकार अपने आप को बचाने का जतन कर रही थी और अपने विधायकों के बिक जाने के डर से उनको एक रिसार्ट से दूसरे रिसार्ट तक सुरक्षित करने में लगी रही और प्रदेश का विपक्षी दल बीजेपी उसी समय सरकार को हर हाल में गिराकर विपक्षी दल के कुछ विधायकों को तोड़कर विशेष विमानों से बंगलौर भेजने और वहां उनकी खातिरदारी मे लगा रहा वो भी किसी एक राजनेता की महत्वकांक्षा की पूर्ति करने के लिए ।

तत्कालीन विपक्षी दल और आज का सत्ताधारी दल संकट के समय प्रदेश की जनता को सुरक्षित करने के स्थान पर प्रदेश की सरकार को गिराने और अपनी गोटी फिट करने में लगा रहा । इसका परिणाम यह हुआ कि कोरोना का संक्रमण प्रदेश में फैल गया । आज भी प्रदेश के साथ खिलवाड़ जारी है

विपक्ष सरकार को कोसने में लगा है और सत्तारूढ़ दल में एक आदमी 26 दिन पहले मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद भी राज्यपाल शासन की तर्ज पर  सरकार चला रहा है और प्रदेश को भारत के तीसरे बड़े संक्रमण का स्थान पर ले जा चुका है । इंदौर जैसे शहर को संक्रमण के कारण बेहद बुरी स्थिति से गुजरना पड़ रहा है ।

आज की तिथि तक इस शहर में कोविड-19  से 891 व्यक्ति पॉजिटिव हैं। इनमें से 23 मामले गंभीर है, जबकि 50 व्यक्तियों की कोविड-19 से मृत्यु हो चुकी है और 165 कन्टेंमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है।

यहां तक कि प्रदेष की राजधानी भोपाल में भी 214 पॉजिटिव , इनमें से 6 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 131 कन्टेंमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है।  मध्यप्रदेष में अभी तक 1407 पॉजिटिव मरीज हैं और 72 लोग कोविड-19 संक्रमण से अपनी जान गवां चुके हैं। फिर भी प्रदेश में संक्रमण के लिए दोषी दोनों राजनितिक दल और उनके मुखिया हैं जिन्होंने प्रदेश को इस हाल में पहुंचाया है , एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में लगे हुए हैं।

यह भी पढ़ें : कोरोना संकट से अखिलेश के कामो के जरिये निपट रहे हैं योगी  

हालांकि चारो तरफ से दबाव के चलते मंत्रिमण्डल गठन को लेकर भोपाल से दिल्ली तक चर्चा तो शुरू हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक 21 अप्रैल के बाद किसी भी दिन मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। तब तक के लिए मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चौहान ने एक सलाहकार समिति बनाया है, जिसमें उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के विषेषज्ञों के साथ चिकित्सकों को भी शामिल किया है।

उधर इंदौर में कोविड-19 के बढ़ते मामले पर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया, कि इंदौर में फ्लाइट से आए यात्रियों के जरिए कोराना वायरस आया। यदि हवाई अड्डे पर देषी-विदेषी यात्रियों की ठीक से स्क्रीनिंग होती तो हालात इतने नहीं बिगड़ते।

यह भी पढ़ें :यूपी के 5 लाख मजदूरों ने बढ़ायी सरकार की फ्रिक

Back to top button